भारत सरकार ट्विटर के खिलाफ जाँच कर उसे दोषी पाए जाने पर भारत से ब्लॉक कर सकती है। सरकार ने नोटिस जारी किया है
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Twitter may be banned in India Government of India gave notice (File Photo) |
नई दिल्ली: भारत सरकार ने ट्विटर (Twitter) को नोटिस जारी किया है जिसके बाद मन जा रहा है कि भारत कुछ दिनों में ट्विटर पर मोदी सरकार कोई बड़ी गाज गिरा सकता ह। जिस तरह से ट्विटर ने भारत सरकार के आदेश कि अवहेलना की है उसके बाद भारत ने ट्विटर को कहा है कि नरसंहार को प्रोतसाहन देना फ्रीडम ऑफ़ स्पीच नहीं है। ये कानून व्यवस्था के लिए खतरा है। ऐसे में भारत सरकार ट्विटर के खिलाफ जाँच कर उसे दोषी पाए जाने पर भारत से ब्लॉक भी कर सकती है।
ट्विटर के मनमानी के खिलाफ भारत सरकार जल्द ही कोई कारवाही कर सकती है।
दरसल ट्विटर (Twitter) कि दुनिया भर में मनमानियां बढ़ती ही जा रही है जिसका असर भारत में भी देखने को मिल रहा है। देश में चल रही तथा कथित किसानो के आंदोलन के नाम पर कुछ लोग ट्विटर का सहारा ले कर फेक न्यूज़ फैला रहे हैं। लेकिन ट्विटर कोई एक्शन नहीं ले रहा है। भारत सरकार के कहने पर कुछ लोगो के ट्वीटर अकाउंट को बैन किया भी तो 12 घंटे के अंदर ही एक्शन को पलट भी दिया।
ऐसे में ट्विटर का ये रवैया भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का अपमान है। अब भारत सरकार ने ट्विटर को नोटिस जारी कर दिया है। जिसके बाद माना जार रहा है कि भारत में कुछ दिनों के भीतर ट्विटर पर मोदी सरकार कोई बड़ी गाज गिरा सकती है। किसान आंदोलन को लेकर ट्विटर पर लगातार फेक न्यूज़ फैलाई जा रही है जिसे चलते भारत के लोगो में संचय की स्थिति है। वहीँ विदेशों में मोदी सरकार के खिलाफ एक नकारात्मक सन्देश भी जा रहा है। इसका उदाहरण ट्विटर पर चला #ModiPlanningFarmerGeneocide भी है। जो कि भ्रामिकता की कई हदे पर करने वाला है।
ऐसे में मोदी सरकार ट्विटर को आदेश दिया है कि वो जल्द जल्द अपने प्लेटफॉर्म से इस तरह के भ्रामक हैश टैग्स को हटाए वरना उसपर सख्त कारवाही कि जाएगी। ऐसा नहीं है कि मोदी सरकार का आदेश सिर्फ वक्तव्य पर ही सिमित है। सरकार ने इस मामले में ट्विटर को लिखित नोटिस जारी किया है। सरकार ने जारी कि अपने नोटिस में कहा " #ModiPlanningFarmerGeneocide हैश टैग्स के साथ ट्विटर पर कंटेंट पोस्ट किया गया। जो कि तथ्यात्मक तोर पर गलत था। इस पोस्ट का मकसद सिर्फ और सिर्फ लोगों के बिच नफरत फैलाना था।"
नरसंहार को प्रोतसाहन देना फ्रीडम ऑफ़ स्पीच नहीं है।
अभिव्यक्ति कि आज़ादी के मुद्दे पर आपत्तिजनक सवाल उठाने वालो को लेकर सरकार ने कहा " नरसंहार को प्रोतसाहन देना फ्रीडम ऑफ़ स्पीच (Freedom of Speech) नहीं है। ये कानून व्यवस्था के लिए खतरा है। पिछले दिनों सरकार के आईटी मंत्रालय के आदेश पर ट्विटर ने कुछ फेक न्यूज़ फैलाने वाले लोगों के ट्विटर अकाउंट को बैन किया और फिर कुछ समय बाद बहाल कर दिया।
इस मुद्दे पर ट्विटर ने व्यक्ति विशेष और अकॉउंट को लेकर अपनी अजीबो गरीब पालिसी का हवाला दें दिया। ऐसे में सरकार ने ट्विटर के उस सफाई को नहीं खारिज कर दिया कि कोई प्रतिबंद सिर्फ व्यक्ति विशेष पर लगाया जा सकता है पुरे हैंडल पर नहीं। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के कुछ मामले भी याद दिलाय कि कई बार यह तय करना मुश्किल होता है कि कौन सा खास व्यक्ति माहौल ख़राब कर सकता है और कौन नहीं। ऐसी स्थिति में समग्र रूप से फैसला लेना होता है।
सरकार ने आईटी कानून धारा 69 A के उलंगन कि बात कही है। अगर अब ट्विटर इस मामले में सरकार द्वारा होने वाले जांच में दोषी पाया जाता है तो उसे भारत में ब्लॉक भी किया जा सकता है। उसके प्रमुख अधिकारीयों को इस मुद्दे पर सफाई देने के लिए सरकार के पैनल के समक्ष पेश होना होगा। साफ़ है कि सरकार अब ट्विटर के खिलाफ अब एक्शन में है क्योंकि इसकी पालिसी में बहुत ज्यादा झोल है।
इसी ट्विटर ने अमेरिका की कैपिटल हिल हिंसा के बाद वहां के राष्टीयपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) का निजी अकाउंट ब्लॉक कर दिया था। लेकिन वो ट्विटर भारत की लाल किले पे हुई हिंसा पर फेक न्यूज़ फैलाने वाले लोगों पर कोई कार्यवाही नहीं करता है। जो कि उसका दोगलापन दिखता है। ट्विटर प्रमुख जैक डोरसे (Jack Dorsey) का दोगलापन अब उन्हें ही भरी पड़ने वाला है। क्योंकि उन्होंने भारत के प्रधान मंत्री से इस मुद्दे पर बेवजह दुश्मनी मोल ली है।
अब केवल दो ही चीजे हो सकती है या तो ट्वीटर अब सारी बातो से परे सरकार के आदेशों का पालन करे वरन उस पर भारत सरकार द्वारा कोई सख्त कारवाही हो सकती है। इस कारवाही में ट्विटर के भारत में बैन होने कि सम्भावनाय भी काफी मजबूत है।
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