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सोमवार, 8 फ़रवरी 2021

चमोली में ग्लेशियर फटने से सुरंग में फसे लोग, 15 लोगों की मौत 150 से ज्यादा लापता

उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने से टनल में फसे लोग, 15 लोगों की मौत 150 से ज्यादा लापता रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

People trapped in tunnel due to glacier burst in Chamoli Uttarakhand
People trapped in tunnel due to glacier burst in Chamoli Uttarakhand


उत्तराखंड:  कल, साढ़े दस बजे, चमोली में नंदादेवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट कर ऋषिगंगा नदी में गिर गया था, जिसके बाद नदी ने नदी ने विशाल रूप धारण कर लिया, बाढ़ आने के वजह से पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया तपोवन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में कीचड़ वाला पानी और मलबा भर गया और कई लोग फंस गए। 


इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 15 लोगों की मौत हो गई है। इस हादसे में 150 से ज्यादा लोग लापता हैं। चमोली में आई भीषण आपदा के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो चुका है। टनल में फंसे लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी है। जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है। ये ऑपरेशन पूरी रात चलता रहा।



तपोवन की हाइड्रोपावर प्रॉजेक्ट की एक सुरंग से अब तक 15 लोगों को सही सलामत बचा लिया गया है, जबकि 30 लोग अभी भी दूसरी सुरंग में फंसे हुए हैं। एवं 14 शव अलग अलग स्थानों से बरामद किये गये हैं। स्थानीय प्रशासन से लेकर सेना तक अब बचाव में लगे हैं और राज्य-केंद्र सरकार मिलकर काम कर रही है।


आज चमोली के जोशीमठ में दूसरे दिन भी बचाव अभियान जारी है, जहां ग्लेशियर के फटने के कारण बाढ़ आ गई।अन्य फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए जेसीबी मशीनों की मदद से दूसरी सुरंग को साफ किया जा रहा है



आज भी, पूरे दिन बचाव कार्य किया जाएगा और बचे हुए लोगों को बाहर निकाला जाएगा। बता दें ग्लेशियर टूट जाने के कारण चमोली में बड़ा नुकसान हुआ, जहां पानी के तेज बहाव में काफी कुछ बह गया. प्लांट से लेकर पुल और घर तक को इस हादसे में नुकसान हुआ अभी तक कुल 14 शव अलग अलग स्थानों से मिले हैं


ग्रामीणों ने बताया धमाके जैसी आवाज के साथ पानी का सैलाब था, ऋषिगंगा में कीचड़ वाला पानी का सैलाब था जो काफी तेजी से उनकी तरफ बढ़ रहा था इससे पहले लोग कुछ समझ समझ पाते कीचड़ वाले पानी ने सारी चीजें तबाह कर दी। नंदा देवी ग्लेशियर टूटने के बाद यह हिमस्खलन हुआ। इस हिमस्खलन ने उस परियोजना को नष्ट कर दिया जो 2020 में ही शुरू हुई थी। मुख्य सीमा पर एक बड़ा पुल भी बह गया।  


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