सरकार ने Twitter पर किसानों के विरोध प्रदर्शनों के बारे में गलत सूचना और भड़काऊ सामग्री फैलाने वाले पाकिस्तानी-खालिस्तानी Accounts को हटाने के लिए कहा
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Farmers Protest government asked Twitter to block 1178 accounts |
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ दो महीने से, मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर हलचल तेज है। उनमे से एक सोशल मीडिया ट्विटर भी है। Twitter पर आरोप हैं कि उनके मंच का इस्तेमाल किसानों को भड़काने के लिए किया जा रहा है। देश में चल रही तथा कथित किसानो के आंदोलन के नाम पर कुछ लोग ट्विटर का सहारा ले कर फेक न्यूज़ फैला रहे हैं।
केंद्र सरकार ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट को नोटिस जारी कर कुछ Twitter Accounts को बंद ब्लॉक करने के लिए कहा था, जो ट्विटर का प्रयोग किसानो को भड़काने और भारत सरकार की छवि को विश्व में ख़राब करने कि कोशिश कर रहे हैं।
केंद्र सरकार को संदेह है कि इन ट्विटर खातों का इस्तेमाल या तो खालिस्तान के हमदर्द या पाकिस्तान द्वारा किया जा रहा है। 257 Accounts को बंद करने के बाद ट्विटर ने 257 अकाउंट को बैन कर दिया फिर 12 घंटे के अंदर ही ट्विटर ने उनमें से ज्यादातर को अनब्लॉक कर दिय। जिससे नाराज होकर IT मिनिस्ट्री ने IT कानून धारा 69 A के उलंगन कि बात कही है।
इसके चलते माइक्रो ब्लॉगिंग साइट को नया नोटिस जारी कर 1178 Twitter Accounts को ब्लॉक करने के लिए कहा है। सूत्रों ने कहा कि MHA और सुरक्षा एजेंसियों से सलाह लेने के बाद, IT मंत्रालय द्वारा Twitter को एक नया नोटिस दिया गया है।
Government tells Twitter to remove 1178 Pakistani-Khalistani accounts spreading misinformation and provocative content around farmers' protests. Twitter yet to completely comply with orders: Sources pic.twitter.com/YGZLnjxbv3
— ANI (@ANI) February 8, 2021
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक Twitter को जिन खातों को ब्लॉक करने के लिए कहा गया है, वे खालिस्तानियों के हैं या पाकिस्तान द्वारा प्रमाणित और अन्य देशों से संचालित हैं। कई खाते Automated Bots भी हैं जिनका उपयोग किसानों के विरोध प्रदर्शन पर गलत सूचना और उत्तेजक सामग्री को शेयर करने और बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
भारत सरकार ने ट्विटर को आदेश का पालन करने के लिए कहा है, और ट्विटर को चेतावनी दी है कि आदेश न मानने पर कंपनी के अधिकारियों को सात साल तक की जेल की सजा काटनी पड़ सकती है।
इससे पहले सरकार ने कहा था 257 खातों द्वारा #ModiPlanningFarmerGeneocide हैश टैग्स के साथ ट्विटर पर कंटेंट पोस्ट किया जा रहा है। जो कि बिना सोचे-समझे समाज में दुर्व्यवहार, उत्पीड़न और तनाव पैदा करने के लिए किया जा रहा है। "नरसंहार को प्रोतसाहन देना फ्रीडम ऑफ़ स्पीच (Freedom of Speech) नहीं है। ये कानून व्यवस्था के लिए खतरा है।"
हालांकि ट्विटर ने कहा था कि उसने ज्यादातर खातों को अनफ्रीज करने का फैसला किया क्योंकि उनके द्वारा भेजे गए ट्वीट "फ्री स्पीच और Newsworthy हैं"। आईटी मंत्रालय स्पष्ट रूप से इससे सहमत नहीं है। सरकार को लगता है कि अगर ट्विटर फैसले से सहमत नहीं है, तो वह अदालतों में कार्रवाई के खिलाफ अपील दायर करने के लिए स्वतंत्र है।
अब जो देखा जाना बाकी है वह ट्विटर का रवैया है, या तो ट्वीटर सरकार के आदेशों का पालन करे अन्यथा सरकार तो Full एक्शन के Mood में है।
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