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शनिवार, 27 फ़रवरी 2021

सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट डालने पर होगी 5 साल की जेल? जानिए क्या है इस दावे की सच्चाई

सोशल मीडिया पर एक अखबार की क्लिपिंग जमकर वायरल हो रही है। विवादित पोस्ट डालने पर होगी 5 साल की जेल 

5 years in jail for posting disputed posts on social media fact check
Image: E-Newz Hindi


PIB Fact Check ने ट्वीट कर कहा, "दावा: सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट डालने पर 5 साल जेल। #PIBFactCheck: यह दावा भ्रामक है।देश की संप्रभुता, अखंडता, राज्य की सुरक्षा,विदेशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध व अन्य महत्वपूर्ण विषय पर विवादित सामग्री के लिए यह प्रावधान बनाया गया है।" 

नई दिल्ली: पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया (Social Media) पर एक अखबार (Newspaper) की क्लिपिंग जमकर वायरल हो रही है। इस क्लिपिंग में मोटे काले अक्षरों में लिखा है, "सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट डाली तो जेल"। इस क्लिपिंग को फेसबुक, व्हाट्स ऐप, ट्विटर सहित सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर जमकर शेयर किया जा रहा है, जिसपर यूजर्स की तरफ से प्रतिक्रियाएं भी दी जा रही है। हालांकि सरकार की तरफ से वायरल हो रही इस क्लिपिंग को फर्जी करार दिया गया है।


फर्जी खबरों और दावों को लेकर जागरुक करने वाले सरकार के ट्विटर हैंड PIB Fact Check ने कर कहा कि यह दावा भ्रामक है। PIB Fact Check ने ट्वीट कर कहा, "दावा: सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट डालने पर 5 साल जेल। #PIBFactCheck: यह दावा भ्रामक है।देश की संप्रभुता, अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध व अन्य महत्वपूर्ण विषय पर विवादित सामग्री के लिए यह प्रावधान बनाया गया है।"


क्या है सोशल मीडिया, OTT और डिजिटल मीडिया कंपनियों के लिए नए नियम 

  • सरकार ने सोशल मीडिया मंचों का दुरुपयोग रोकने के लिए बृहस्पतिवार को नए दिशा-निर्देशों की घोषणा की। आइए आपको बतातें हैं सरकारी द्वारा क्या नियम बनाए गए हैं।
  • अंतर्मध्यस्थों को नग्नता, अश्लील हरकत और तस्वीरों से छेड़छाड़ जैसी सामग्री को शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर हटाना होगा।
  • अंतर्मध्यस्थों को शिकायतों से निपटने के लिए एक शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करना होगा और इस अधिकारी को 24 घंटे के अंदर शिकायत स्वीकार करनी होगी और 15 दिनों के अंदर उसका निवारण करना होगा।
  • किसी भी अंतर्मध्यस्थ को अदालती या सरकारी आदेश मिलने के बाद किसी ऐसे कार्यक्रम की मेजबानी या प्रकाशन नहीं करना चाहिए जो भारत की संप्रभुता या जन व्यवस्था के हित में प्रतिबंधित किया गया हो।
  • उपयोगकर्ताओं की संख्या के आधार पर सोशल मीडिया के अंतर्मध्यस्थों की दो श्रेणियां- सोशल मीडिया अंतर्मध्यस्थ और अहम सोशल मीडिया अंतर्मध्यस्थ बनायी गयी हैं।
  • अहम सोशल मीडिया अंतर्मधस्थ के निर्धारण के लिए उपयोगकर्ताओं की संख्या सीमा शीघ्र घोषित की जाएगी।
  • अहम सोशल मीडिया अंतर्मध्यस्थों के लिए अतिरिक्त उचित प्रक्रिया।
  • अहम सोशल मीडिया अंतर्मध्यस्थों को मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल संपर्क व्यक्ति, स्थानीय शिकायत अधिकारी नियुक्त करना होगा। इन तीनों अधिकारियों को भारत में ही रहना होगा।
  • अहम सोशल मीडिया अंतर्मध्यस्थों को उसे मिलने वाली शिकायतों, उनपर की गयी कार्रवाई और सक्रियता से हटायी गयी सामग्री पर हर महीने अनुपालन रिपोर्ट जारी करनी होगी।
  • अहम सोशल मीडिया अंतर्मध्यस्थों को अपनी वेबसाइट या मोबाइल एप या दोनों पर भारत में अपने भौतिक पते का प्रकाशन करना होगा।
  • संदेश वाहक मंचों से कहा गया है कि उन्हें सूचना की शुरुआत करने वाले प्रथम व्यक्ति की पहचान का खुलासा करना होगा जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और लोक व्यवस्था को कमतर करती हो। अंतर्मध्यस्थ को संदेश की सामग्री का खुलासा करने की जरूरत नहीं होगी।
  • उपयोगकर्ताओं, जो अपने खाते का स्वैच्छिक सत्यापन कराना चाहते हैं, को ऐसा करने की व्यवस्था मिलनी चाहिए।
  • यदि सोशल मीडिया अपने आप ही सामग्री हटाता है तो उसे उपयोगकर्ता को उसकी पूर्व सूचना देना होगा और उसका कारण बताना होगा। उपयोगकर्ता को अंतर्मध्यस्थ द्वारा की कार्रवाई पर सवाल उठाने का मौका दिया जाना चाहिए। (इनपुट- भाषा)


जानें, सोशल मीडिया और OTT Platforms के लिए सरकार की गाइडलाइंस में क्या है



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