सुपरटेक कंपनी द्वारा यहां दो इमारतों को ढहाने के लिए जिस कंपनी को काम सौंपा गया था उसने अवैध निर्माण को गिराने के लिए और समय मांगा है।
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Supertech Twin Towers Demolition: सुपरटेक कंपनी द्वारा यहां दो इमारतों को ढहाने के लिए जिस कंपनी को काम सौंपा गया था उसने अवैध निर्माण को गिराने के लिए और समय मांगा है। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। एडिफाइस इंजीनियरिंग नामक कंपनी ने दक्षिण अफ्रीकी कंपनी जेट डेमोलिशन की सहायता से इमारतों को गिराने का जिम्मा लिया है और उसने 10 अप्रैल को परीक्षण धमाके किये थे। उच्चतम न्यायालय ने नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित सुपरटेक इमरल्ड आवासीय परिसर के भीतर लगभग सौ मीटर ऊंचे दोनों टॉवरों को गिराने का आदेश पिछले साल 31 अगस्त को दिया था। सुपरटेक ने इस संबंध में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर को गिराने के लिए 22 मई की तारीख तय की गई है।
जानिए क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने चार अक्टूबर 2021 को सुपरटेक लिमिटेड की याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतरने के कारण इमारतों को ध्वस्त करने के अपने पूर्व के निर्देश में संशोधन करने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त, 2021 के अपने फैसले में अवैध इमारतों को तोड़ने के साथ ही फ्लैट खरीदारों को उनकी पूरी रकम लौटाने करने का भी निर्देश दिया था। कोर्ट ने नोएडा के टी-16 (एपेक्स) और टी-17 (सेयेन) ट्विन टावर्स के निर्माण में नोएडा प्राधिकरण और रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक के अधिकारियों की 'मिलीभगत' के लिए उन पर मुकदमा चलाने का भी आदेश दिया था।
गौरतलब है कि नोएडा प्राधिकरण ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा था कि इन इमारतों को ध्वस्त करने के बाद पूरा मलबा 22 अगस्त तक वहां से हटा लिया जाएगा। न्याययमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने नोएडा (न्यू ओखला इंडिस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी) और सुपरटेक सहित सभी हितधारकों को स्थिति रिपोर्ट में दी गई समय सीमा का सख्ती से अनुपालन करने को कहा था।
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