पूर्व प्रधानमंत्रियों की गौरवगाथा के संग्रहालय की परिकल्पना करीब चार साल पहले प्रधानमंत्री मोदी ने की थी और ये आज देश की एक नयी पहचान के रुप में हमारे सामने है।
![]() |
Image Source : TWITTER / Pradhanmantri Sangrahalaya |
Pradhanmantri Sangrahalaya: पूर्व प्रधानमंत्रियों की गौरवगाथा के संग्रहालय की परिकल्पना करीब चार साल पहले प्रधानमंत्री मोदी ने की थी और ये आज देश की एक नयी पहचान के रुप में हमारे सामने है। देश में पहले सिर्फ जवाहर लाल नेहरू की यादों को समेटे हुए संग्रहालय था लेकिन प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों से जुड़ी यादों और उपलब्धियों को आज की पीढ़ी तक पहुंचाने का सपना देखा और आज ये साकार रुप ले चुका है। प्रधानमंत्री म्यूजियम के नाम पर पहले सिर्फ नेहरू मेमोरियल म्यूजियम था लेकिन अब इस म्यूजियम में नेहरू से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक की यादों को संजोया गया है।
इस म्यूजियम में पूर्व प्रधानमंत्रियों की यादों का संग्रह है, हालांकि प्रधानमंत्री मोदी के साथ आप इस म्यूजियम में कदमताल का भी मजा ले सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है, देश में ही विदेशों में भी पीएम मोदी के साथ तस्वीर लेने की, सेल्फी लेने की होड़ रहती है। प्रधानमंत्री संग्रहालय में लोगों की ये हसरत पूरी हो सकती है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी यादों को संजो कर तस्वीरों में रख सकते हैं।
तेजी से बदल रहे भारत की तस्वीर ये प्रधानमंत्री म्यूजियम दुनिया को दिखाएगा। यहां आपको ऐसा अनुभव मिलेगा, जैसे वाकई में आप उसी दौर में जी रहे हैं, अपने पंसदीदा प्रधानमंत्री से बात कर रहे हैं, उनके साथ सेल्फी ले रहे हों। प्रधानमंत्री म्यूजियम की खूबसूरती दंग करने वाली है। बेहतरीन आर्किटेक के साथ-साथ आधुनिक टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया गया है। जैसे ही आप प्रधानमंत्री म्यूजियम में एंट्री करेंगे, एक अद्भुत अहसास से भर उठेंगे। आप देश की गौरवशाली इतिहास की अनुभूति को महसूस करेंगे। प्रधानमंत्री म्यूजियम में 40 से अधिक गैलरी हैं, करीब 4 हजार लोग एक साथ यहां आ सकते हैं। इसके लिए एक टिकट खरीदना होगा।
प्रधानमंत्री संग्रहालय में सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को सलीके से ऑडियो और विजुअल दोनों माध्यम से दिखाया गया है। प्रधानमंत्री संग्रहालय का लोगो हर किसी का ध्यान तेजी से खींचता है। बीच में चक्र और उसे थामे हुए भारतीयों के कोटि-कोटि हाथ हैं। चक्र 24 घंटे निरंतरता का प्रतीक है, समृद्धि के संकल्प के लिए परिश्रम का प्रतीक है। प्रधानमंत्री संग्रहालय में देश की आजादी के बाद की कहानी को भी तस्वीरों के जरिये बताया गया है।
https://ift.tt/z6eUC3B
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Please do not enter any spam link in the comment box.