Hijab Controversy : बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त ने सोमवार को निषेधाज्ञा जारी करते हुए 21 मार्च तक किसी भी सार्वजनिक स्थान पर किसी भी तरह के समारोहों, प्रदर्शनों और सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है।
बेंगलुरु: हिजाब मामले में सुनवाई पूरी कर चुकी कर्नाटक हाईकोर्ट आज अपना फैसला सुना सकता है। वहीं राज्य सरकार ने संवेदनशील इलाकों में स्कूल-कॉलेज बंद रखने का फैसला किया है। बेंगलुरु में 21 मार्च तक धारा 144 लागू कर दिया गया है। स्कूल और कॉलेज भी बंद रहेंगे। उडुपी के एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की छात्राओं के एक समूह ने हिजाब पहनकर क्लास करने की मांग की थी। इसके बाद कुछ हिंदू स्टूडेंट भगवा गमछा पहनकर कॉलेज पहुंच गए थे। धीरे-धीरे यह मामला कर्नाटक के कई जिलों में फैल गया। जबकि राज्य सरकार ड्रेस से जुड़े नियमों पर अड़ी रही।
लड़कियों ने दाखिल की थी याचिका
उडुपी जिले से याचिकाकर्ता लड़कियों की ओर से पेश होने वाले वकीलों के अनुसार हिजाब मामले से जुड़े मामले को मंगलवार के लिए सूचीबद्ध किया गया है तथा अदालत पूर्वाह्न साढ़े दस बजे से फैसले का क्रियान्यवन वाला हिस्सा सुना सकती है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित एवं जस्टिस जे एम काजी की पूर्ण पीठ उडुपी की लड़कियों की याचिका पर गठित की गयी है।
धार्मिक आस्था का हिस्सा बताया
इन लड़कियों ने अनुरोध किया था कि उन्हें कक्षाओं में स्कूली वर्दी के साथ-साथ हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए क्योंकि यह उनकी धार्मिक आस्था का हिस्सा है। एक जनवरी को उडुपी के एक महाविद्यालय की छह लड़कियों ने कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) द्वारा आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा लिया था। इसका आयोजन कॉलेज प्रशासन द्वारा इन लड़कियों को हिजाब में कक्षाओं में जाने से रोके जाने के विरूद्ध किया गया था।
बेंगलुरु में धारा 144 लागू
हिजाब मामले पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से पहले, बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त कमल पंत ने सोमवार को निषेधाज्ञा जारी करते हुए 21 मार्च तक किसी भी सार्वजनिक स्थान पर किसी भी तरह के समारोहों, प्रदर्शनों और सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध शहर में 15 मार्च से 21 मार्च के बीच 7 दिनों के लिए लगाया गया है।चूंकि इस मुद्दे में स्कूलों और कॉलेजों में वर्दी और उनके लागू किए जाने के संबंध में नियम शामिल हैं, इसलिए निर्णय सुनाए जाने के बाद विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।पुलिस आयुक्त ने अपने आदेश में कहा कि शहर में सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए निषेधाज्ञा जारी करना उचित है।
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