30 सितंबर को क्यों हो रहा है Internet Blackout, का क्या होगा इंटरनेट यूजर्स पर इसका प्रभाव?
'Internet Blackout' शब्द हम पहले भी सुन चुके हैं, जिसका मतलब होता है इंटरनेट सेवा का ठप्प होना। एक बार फिर से यह शब्द पिछले कुछ दिनों से चर्चा में है। पिछले कुछ दिनों से सामने आ रही मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 30 सितंबर यानि कल दुनियाभर में इंटरनेट सेवा ठप्प होने की संभावना है। रिपोर्ट्स में ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि 30 सितंबर से लाखों कम्प्यूटर्स, मोबाइल डिवाइसेज आदि में इंटरनेट सेवा का लाभ नहीं लिया जा सकेगा।
क्यों हो रहा है Internet Blackout?
दरअसल, 30 सितंबर 2021 को कई डिवाइसेज में IdentTrust DST Root CA X3 सर्टिफिकेट एक्सपायर हो रहा है। यह सर्टिफिकेस एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस के बीच में सुरक्षित कनेक्शन को एनक्रिप्ट करता है। इस सर्टिफिकेट की वजह से ही आपके द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाले डिवाइस और वर्ल्ड वाइड वेब के बीच ट्रांसफर होने वाली डेटा सुरक्षित रहती है। इसका फायदा यह होता है कि वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) और आपके डिवाइस के बीच हो रहे डेटा ट्रांसफर के बीच से कोई भी डेटा को चुरा नहीं सकेगा।
इसके आसान भाषा में अगर समझा जाए तो अगर आपको किसी वेब पेज के लिंक पर शुरुआत में HTTPS दिखेगा, इसका मतलब है कि यह लिंक सुरक्षित है और इसके लिए IdentTrust DST Root CA X3 सर्टिफिकेट जारी किया जा चुका है। अब सबसे बड़ा सवाल है कि इस सर्टिफिकेट के एक्सपायर होने के सभी डिवाइस प्रभावित होंगे या कुछ डिवाइस ही इसकी वजह से प्रभावित होंगे? आइए, जानते हैं इस Internet Blackout से प्रभावित होने वाले डिवाइसेज के बारे में।
Internet Blackout का क्या होगा प्रभाव?
TechCrunch की रिपोर्ट की मुताबिक, इस Internet Blackout की वजह से सीमित मात्रा में डिवाइसेज (कम्प्यूटर, टैबलेट, स्मार्टफोन) आदि प्रभावित होंगे। इसकी वजह से केवल वो डिवाइसेज ही प्रभावित होंगे, जो अब तक अप-टू-डेट नहीं हैं। नए और अपडेटेड डिवाइसेज इसकी वजह से प्रभावित नहीं होंगे।
स्मार्टफोन या मोबाइल इंटरनेट यूजर्स की बात करें तो इसकी वजह से Android 7.11 या उससे पहले के ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले डिवाइसेज में इंटरनेट नहीं चलेगा। वहीं, iOS 10 से पहले के ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले iPhones, iPads आदि इसकी वजह से प्रभावित होंगे। वहीं, कम्प्यूटर या PC की बात करें तो macOS 2016 और Windows XP (सर्वर पैक 3) ऑपरेटिंग सिस्टम से पहले के OS इस्तेमाल करने वाले डिवाइसेज इसकी वजह से प्रभावित होंगे।
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