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मंगलवार, 9 मार्च 2021

दिल्ली मदनपुर खादर: ट्रैफिक पुलिस की गुंडागर्दी, रिक्शा चालाक को लात गुसो से पीटा और टोर्च लाइट मारकर सिर भी फोड़ा

ट्रैफिक पुलिस कांस्टेबल  की गुंडागर्दी, गरीब इ-रिक्शा चालाक को ज़मीन पर गिरा के लात गुसो से पीटता रहा और टोर्च लाइट मारकर सिर भी फोड़ दिया 

madanpur khadar delhi traffic police beat up the poor e rickshaw driver and broke his head


ट्रैफिक कांस्टेबल ने रोड के साइड पर एक बेरिकेट पे उसे फेंक दिया और अपना टोर्च लाइट रिक्क्षा चालक के सिर के पीछे ज़ोर से दे मारा जिससे रिक्शा चालक का सिर फट गया।  

मदनपुर खादर, दिल्ली: घटना सोमबार शाम का है करीब 6 :45 (9 मार्च 2021) पर एक ट्रैफिक पुलिस के कांस्टेबल ने गरीब इ-रिक्शा चालक को बिना किसी दोष के अपने दबंगई के चलते बहुत पीटा और सिर पर टोर्च लाइट मार कर उसका सिर फोड़ दिया, लहूलोहान करने के बाबजूद भी वो उसको पीटता रहा जब तक की लोगो द्वारा उसको रोका और उसके इस कृतय का विरोद न किया गया। 

मैं और मेरी माँ एक इ-रिक्शा में बैठ कर जलेबी चौक से सरिता विहार जा रहे थे माँ को डॉक्टर को दिखाना था। जे जे कॉलोनी मदनपुर खादर और खादर गांव के बिच एक पुलिया पड़ता है जो की एक नहर को पर करने के लिए है ये नहर कालिंदी कुंज और मीठा पुर की ओर जाता है। हमे पुलिया पार करके सरिता विहार जाना था। किन्तु पुलिया पार करने से पहले ही एक सीनियर ट्रैफिक पुलिस वाले ने हमारे रिक्शा को रोक दिया और आगे जाने नहीं दिया। मैंने रिक्वेस्ट किया मेरी माँ की तबियत ख़राब है कृपा आगे जाने दीजिये डॉक्टर के पास जाना है उसके बाबजूद भी उनके इंसानियत नहीं जागी और हमे जाने नहीं दिया। इसी बात से अंदाजा लगा लीजिये इंसान की कदर इन लोगो में किस कदर है। 

मैं मेरी माँ हम रिक्शा से उतर गए आगे पैदल चलने के लिए ओर रिक्शा वाले को उसका किराया दे ही रहे थे की, उसी ट्रैफिक वाले ने एक अन्य रिक्शा को रोक दिया, उसका पैसंजर उसको बिना पैसे दिए चला गया ये बोल कर की आगे नहीं जाओगे तो कोई पैसा नहीं। उस इ-रक्षा चालक ने उस ऑफिसर से पूछा की सभी गाडी आगे जा रही है हमे क्यों रोका जा रहा है, मैं गरीब आदमी रिक्शा चला कर अपने और अपने बच्चो का पेट पालता हूँ, इतना ही कहना था की ट्रैफिक पुलिस वाला भड़क गया ओर धमकाने लगा की " वापस जाता है कि एक रख के तप्पड़ मारु तुझे " उसके बाद रिक्शा चालक ने पूछा कि " बिना कसूर के आप कैसे मार सकते हैं मुझे " तभी उस ट्रैफिक पुलिस वाले का सहकर्मी ट्रैफिक पुलिस कांस्टेबल पीछे से आया ओर एक जोर दार तपड़ मार कर बोला " ऐसे " 

इ-रिक्शा चालक ने इस थपड का विरोध किया कि ये गलत है कोई अधिकार नहीं आपको बिना कसूर के मारने का। ट्रैफिक पुलिस कांस्टेबल ने रिक्शा चालक के रिक्शे की चाबी ले लिया और उसको बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया। ये सब देख वहां भीड़ इखट्ठी हो गयी। वहां पास ही एक मंदिर है उसी के रोड के साइड पर एक बेरिकेट पे उसे फेंक दिया और सिर्फ ये हि नहीं  कांस्टेबल ने टोर्च लाइट रिक्क्षा चालक के सिर के पीछे ज़ोर से दे मारा जिससे रिक्शा चालक का सिर फट गया। रिक्शा चालक के सिर से बहुत खून निकलने लगा और उस कांस्टेबल का जालिम पना देखो रिक्शा चालक लहू लोहान होने के बाबजूद भी उसको पीटता रहा जैसे कोई वर्षो की दुश्मनी निकाल रहा हो या कोई खतरनाक गुंडा हो।  इतनी क्रूरता ?

The traffic police beat up the poor e-rickshaw driver and broke his head
बहुत कोशिश की इस ट्रैफिक पुलिस वाले की क्लियर फोटो लेने की परन्तु वो अपने मुँह को छुपाता रहा


बिलकुल गुंडों वाली जुवान और कृतय जो किया वो भी गुंडे करते हैं। साथ में गन्दी गन्दी गाली भी बक रहा था। ऐसा प्रतीत हुआ जैसे ट्रैफिक कांस्टेबल रिक्शा चालक को मार ही डालता। मैं, मेरी माँ और आस पास घटना को देख रहे लोगो के द्वारा जब विरोद हुआ तब जाके रिक्शा चालक को उसने छोड़ा। 

ट्रैफिक पुलिस की गुंडई देखो जब मैंने कहा की " ये आपने सही नहीं किया गलत है, आपको कोई अधिकार नहीं बनता लोगो को जनता को इस तरह पीटने का। " उल्टा मुझे भी धमकाने लगा की " रुक तुजे बताता हूँ, तू बहुत हीरो बन रहा है " इस बीच रिक्शा चालक का खून बहते जा रहा था। घटना स्थल पर जितने भी लोगो ने इस बात का विरोद किया वो सभी को धमका रहा था की तुम लोगो को अंदर करता हूँ। मेरी माँ ने कहा मुझे भी अंदर कर दो मैं भी बोल रही हूँ आपने गलत किया। वो इतना निर्लज था की माँ समान महिला से भी बत्तमीजी कर रहा था। 

क्या निर्दोष लोगो पे हत्याचार करने के लिए ही इन लोगो ने वर्दी डाली है ? ऐसे गुंडे औऱ धूर्त किसम के लोग पुरे डिपार्टमेंट को बदनाम कर रहे हैं, ये लोग अपनी ड्यूटी काम लोगो पे अपनी वर्दी का पावर दिखाने के लिए पुलिस डिपार्टमेंट ज्वाइन करते हैं। इसलिए भी ये लोग (पुलिस) आम लोगो में भरोसा जमा नहीं पाते, सभी इनसे डरते हैं जबकि ये पब्लिक की सेवा के लिए हैं और कानून की रक्षा के लिए होते हैं परन्तु ये स्वयं कानून तोड़ रहे हैं।   

रिक्शा चालक ने अपने परिचय में हमे अपना नाम दीलिप यादव बताया। जिसका रिक्शा नंबर ३५३४ है। उसने ये भी बताया की वो मदनपुर खादर में अपने बीबी बच्चो के साथ किराय के मकान में रहता है और रिक्शा चलाके के ही अपनी रोज़ी रोटी चलता है। 

madanpur khadar delhi traffic police beat up the poor e rickshaw driver and broke his head
पीड़ित रिक्शा चालक 


मोके पर १०० नंबर पर कॉल करके पुलिस को बुलाया गया। और पुलिस द्वारा समझौते की बात होने लगी की कोई बात नहीं तुम्हारी मरहम पट्टी करा देंगे। 

सबाल ये बनता है की पुलिस डिपार्टमेंट का वयक्ति था तो मरहम पट्टी और कोई आम नागरिक ऐसा करता तो उसके लिए क़ानूनी कारवाही या घुस लिया जाता है।  क्या कानून सबके लिए बराबर है के नहीं।? इस टाइप के क्रिमिनल माइंडेड लोगो को कैसे पुलिस की नौकरी मिल जाती है क्यूंकि ये रक्षक प्रवर्ति के नहीं भक्षक प्रवर्ति के हैं। इनके सामने मुझमे असुरक्षा का भाव उत्पन हुआ। लगा ऐसे ये हमारी सुरक्षा क्या करेंगे जबकि ये खुद हि खतरा बन रहे हैं। 

आज की घटना ने पुलिस के लिए मेरे दिल जो थोड़ी बहुत अच्छी छवि थी वो...........



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