Fact Check: जिहादियों का नया, गंदा और खतरनाक कारनामा, ब्रांडेड कम्पनियों की दवाओं, कैप्सूल आदि में सफाई से लोहे की कीलें और हानिकारक सामग्री छुपाकर बेची जा रही हैं
इन दिनों सोशल मीडिया में कुछ हैरान करने वाले वीडियो खूब वायरल हो रहे हैं जिसमे दिखाया गया है कि दवाई के कैप्सूलों को खोलने पर उसमे से कीलें निकल रहे हैं। ये वीडियो खाफी विचलित और डरा देने वाला है। दवाइयों के कैप्सूल में पाए जाने वाले लोहे के किलों के दो असंबंधित वीडियो को एक साथ वायरल किया गया है, ताकि एक झूठी वायरल सांप्रदायिक दावा किया जा सके कि यह हिंदुओं को मारने के लिए भारत में मुसलमानों द्वारा एक नई रणनीति है।
हमने पाया कि दोनों वीडियो क्लिप दो अलग-अलग जगहों से हैं। एक क्लिप का संबंध पाकिस्तान के कराची में एक दवा निर्माता से है और दूसरा क्लिप बोस्निया और हर्जेगोविना में स्थित एक कंपनी का है।
वायरल वीडियो के पहले आधे हिस्से में एक व्यक्ति को एक पट्टी से एक कैप्सूल मिलता है, प्रत्येक कैप्सूल को खोलने पर उनमें लोहे के छोटे किले निकलते दिखाई देते हैं और दूसरी क्लिप में किलों के साथ खोले गए कैप्सूल का एक दूसरा सेट दिखाया गया है।
30 सेकंड की क्लिप को झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसका अनुवाद है, "काफिरों(हिन्दूओं) को मारने का जिहादियों का नया, गंदा और खतरनाक कारनामा...
ये ब्रांडेड कम्पनियों की दवाओं, कैप्सूल आदि में सफाई से लोहे की कीलें और हानिकारक सामग्री छुपाकर सस्ती बेची जाती हैं, जिसे काफीर(हिन्दू) खरीदेंगें और मारे जाएंगे..”
काफिरों(हिन्दूओं) को मारने का जिहादियों का नया, गंदा और खतरनाक कारनामा...
— रेणुका (@chorenu_) March 1, 2021
ये ब्रांडेड कम्पनियों की दवाओं, कैप्सूल आदि में सफाई से लोहे की कीलें और हानिकारक सामग्री छुपाकर सस्ती बेची जाती हैं, जिसे काफीर(हिन्दू) खरीदेंगें और मारे जाएंगे..!!#सम्पूर्ण_बहिष्कार☝️ pic.twitter.com/cqyFde5zAX
वीडियो क्लिप्स को फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल प्लेटफार्म के माध्यम से जमकर शेयर किया जा रहा है।
फैक्ट चेक (फैक्ट चेक)
वायरल क्लिप में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि दोनो वीडियो में कैप्सूल की पैकेजिंग अलग-अलग है और साथ हि दोनों अलग-अलग स्थानों से हैं, और वीडियो में लोगों के हाथ, दोनों अलग-अलग हैं। एक वीडियो में पैकेज पर लिखे कैप्सूल का नाम उर्दू भाषा में है वहीँ दूसरे वीडियो में व्यक्ति रूसी भाषा में बात कर रहा है।
हमने उर्दू और अंग्रेजी कीवर्ड के साथ सर्च करना शुरू किया तब हमें YouTube पर एक लंबी और साफ़ वीडियो मिली, जिसे 21 फरवरी, 2021 को अपलोड किया गया है, कैप्शन में लिखा " कैप्सूल के अंदर किलों को भरकर जनता को दवाइयां खिलाई जा रही हैं।"
इस क्लिप में, हम पट्टी पर नाम देख सकते हैं - कैप्सूल का नाम "Esoral" है, इसके अलावा, पैकेजिंग पर, ''City Pharmaceutical Laboratories" लिखा है और पता कराची के निर्माता का देखा जा सकता है। इसके अलावा दवाई के पट्टी पर उर्दू भाषा की छपाई है। इससे पता चलता है कि यह पैकेजिंग भारत से नहीं है जैसा कि दावा किया जा रहा है।
जब हमने नेट पर एसरल के लिए एक खोज किया तब पाया कि यह एक दवा है, जो कि एक बांग्लादेशी दवा निर्माता "Eskayef pharmaceuticals" का है। वायरल वीडियो में नजर आ रहे कैप्सूल में कहीं भी "Eskayef" का जिक्र नहीं है।
जब मीडिया Eskayef पहुंचे तो कंपनी ने कहा, "हम भारत या पाकिस्तान में कोई प्रोडक्ट्स नहीं बेचते हैं। कोई भी भारतीय एजेंट हमारे साथ गठबंधन नहीं करता है और हम भारत या पाकिस्तान को निर्यात नहीं करते हैं। "
कंपनी की वेबसाइट पर Esoral टैबलेट स्ट्रिप को देखने पर, हमने पाया कि वायरल वीडियो में पैकेजिंग भी अलग है।
दूसरी वीडियो क्लिप के लिए, हमने 'nails in tablets' के साथ एक कीवर्ड सर्च किया और एक लंबा वीडियो पाया, जिसमें एक ही कैप्सूल स्ट्रिप और स्ट्रिप पर 'ЭНТЕРОФУРИЛ 200 мг капсулы Нифуркмазил BOSKALLJEN' रूसी में लिखा दिखाया गया था।
Google Translate का उपयोग करके हमने पाया कि यह "एन्टेरोफोरील 200 mg कैप्सूल्स निफरकमाज़िल बॉसकॉलजें" (ENTEROFURIL 200 mg capsules Nifurkmazil BOSKALLJEN) पढ़ा जाता है। उसी सर्च से यह भी पता चला है कि कंपनी बोस्निया और हर्जेगोविना में स्थित है।
मीडिया, इन वायरल वीडियो में दिखाए अनुसार घटना को स्वतंत्र रूप से सत्यापित करने में असमर्थ था हालाँकि, हम यह स्थापित कर सकते हैं कि ये वायरल वीडियो भारत से नहीं है और झूठा दावा किया जा रहा है।
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