दिशा रवि को ज़मानत देते हुए दिल्ली की अदालत ने कहा 'अस्पष्ट सबूत' जमानत के नियम का उल्लंघन करने का कोई भी ठोस कारण नहीं मिला
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Disha Ravi File Photo |
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने किसानों के समर्थन में बनाई गई टूलकिट संबंधी ममले में गिरफ्तार की गई युवा पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को जमानत दे दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा ने कहा, अस्पष्ट साक्ष्य को देखते हुए, मुझे 22 वर्षीय लड़की के लिए जमानत के नियम का उल्लंघन करने का कोई भी ठोस कारण नहीं मिला है, जिसके पास कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। दिशा रवि (Disha Ravi) को निर्देश दिया गया है कि वह देश नहीं छोड़ें, और जमानत देने की शर्त के रूप में चल रही जांच में सहयोग करें।
Toolkit case: In the order copy, Additional Session Judge Dharmender Rana states, "Considering the scanty & sketchy investigation, I do not find any palpable reason to breach the rule of bail for a 22-year-old girl who has absolutely no criminal antecedents". https://t.co/WMsimvYYcZ
— ANI (@ANI) February 23, 2021
दिशा पर किसानों के आंदोलन से जुड़े ‘टूलकिट’ (Toolkit) मामले में साजिश रचने और देशद्रोह का आरोप लगाया गया है और उसे 13 फरवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था। 20 फरवरी को तीन घंटे की जमानत की सुनवाई के दौरान, पुलिस ने कहा था कि ‘टूलकिट’ को भारत को बदनाम करने और हिंसा भड़काने के लिए तैयार किया गया था।
पुलिस ने कहा था अपनी भागीदारी को छिपाने के लिए पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन और सिख फॉर जस्टिस ने गतिविधि को अंजाम देने के लिए दिशा रवि को एक फ्रंट के रूप में इस्तेमाल किया। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने अदालत से कहा कि ये संगठन खालिस्तानी आंदोलन से जुड़े हुए हैं। हालांकि, रवि के वकील एडवोकेट सिद्धार्थ अग्रवाल ने दावा किया कि 26 जनवरी को किसान मार्च के दौरान हुई हिंसा को टूलकिट को जोड़ने का कोई सबूत नहीं है।
(With IANS input)
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