देश में वैक्सीनेशन का पहला चरण शुरू हो चुका है जिसके बाद सियासत भी गरमा गई है. कांग्रेस ने एक बार फिर दलित, गरीब कार्ड खेलने की कोशिश की है. रणदीप सुरजेवाला ने पूछा है कि सरकार की दलितों और गरीबों के बारे में क्या योजना है और खुले बाजार में टीके की कीमत 1 हजार रुपये क्यों है.
दिल्ली: कोरोना वैक्सीन (Coronavaccine) के नाम पर देश में सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. कांग्रेस ने एक बार फिर कोरोना (Corona) वैक्सीनेशन को लेकर मोदी सरकार से कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में मोदी (Modi) सरकार पर जमकर भड़ास निकाली और पूछा कि पहले चरण में जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लग पाएगी, उन लोगों के लिए सरकार की क्या योजना है.
कांग्रेस के मोदी सरकार से सवाल
रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार से पूछा है कि पहले चरण में 3 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगवाने की बात तो सरकार ने देश को बता दी है लेकिन ये क्यों नहीं बताया है कि बाकी जनता को टीका कब लगेगा और क्या सरकार गरीबों और दलितों को मुफ्त टीका लगाने जा रही है या नहीं. सुरजेवाला ने ये सवाल भी सरकार से पूछा है कि, 'क्या सरकार को नहीं पता है कि 81.35 करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सब्सिडी वाले राशन के हकदार हैं? क्या अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों, गरीबों और वंचितों को टीका मुफ्त में लगाया जाएगा या नहीं? अगर हां तो टीकाकरण की क्या योजना है और कब तक सरकार नि:शुल्क टीकाकरण कराएगी.’
वैक्सीन की कीमत 95 रुपये से ज्यादा क्यों- सुरजेवाला
सुरजेवाला ने वैक्सीन की कीमत पर भी सवाल उठाए हैं. सुरजेवाला ने पूछा है कि सरकार को भारत बायोटेक (Bharat Biotech) को एक टीके के लिए 95 रुपये अधिक क्यों देने चाहिए जिसे भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है. दरअसल खुले बाजार (Market) में कोरोना के टीके की कीमत 1,000 रुपये प्रति खुराक रखी गई है जिस पर कांग्रेस सवाल उठा रही है.
सरकार की नहीं, वैज्ञानिकों की जीत- चिदंबरम
पूर्व वित्त और गृह मंत्री पी चिदंबरम (Chidambaram) ने ट्वीट में लिखा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सरकार की नहीं, वैज्ञानिकों की जीत होगी. चिदंबरम ने ये भी लिखा है कि ‘‘अगर हम इस लड़ाई को जीत जाते हैं तो पूरा श्रेय भारत समेत दुनियाभर के वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं को जाना चाहिए. अपने वैज्ञानिकों को सलाम करें और विज्ञान को प्रचारित करने और एक वैज्ञानिक माहौल तैयार करने का संकल्प लें’’
16 जनवरी से शुरू हुआ है वैक्सीनेशन
कोरोना वैक्सीनेशन की प्रक्रिया का पहला चरण देश में शुरू हो गया है. पहले चरण में 3 करोड़ से ज्यादा लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है. बाकी लोगों को कैसे और किस तरह टीका लगाया जाएगा, इसका ऐलान अभी सरकार ने नहीं किया है.
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