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बुधवार, 27 जनवरी 2021

किसान आंदोलन या देशद्रोह, कौन हैं ये लोग जो किसानों की आड़ में दंगे कर रहे हैं

शांतिपूर्ण ढंग से रैली निकाली ऐसी की लाल किले पर चढ़कर किसानों ने अपना झंडा फहरा दिया

The farmers rioted on the occasion of Republic Day, climbed the Red Fort and hoisted their flag
(File Photo)

नई दिल्ली: किसानों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर ‘शांतिपूर्वक’ ट्रैक्टर विरोध करने की अनुमति मांगी थी लेकिन ये प्रदर्शन हिंसा का नाम ले चुका है। किसानों और पुलिस के बीच झड़प देखी गई।  केंद्र के तीन नए कृषि क़ानूनों का विरोध करते हुए, लाल किले पर चढ़कर कुछ किसानों ने अपना झंडा फहरा दिया जिसकी हर जगह आलोचना की जा रही है। 

लगातार दो वर्षों में, दिल्ली को 2 बार हिंसा की आग में डाल दिया गया। गणतंत्र दिवस के मौके पर ‘शांतिपूर्वक’ ट्रैक्टर विरोध करने की अनुमति मांगी थी, शांतिपूर्ण ढंग से रैली निकाली ऐसी की लाल किले पर चढ़कर किसानों ने अपना झंडा फहरा दिया, आंदोलन तो बहाना था।

सच्चा किसान और किसान का बेटा तिरंगे के लिए जीना मरना जनता है, लेकिन किसानो के आड़ में दंगा करने वाले ये लोग किसान नहीं हो सकते, तथाकथित किसान देश के 100% किसानो प्रतिनिधित्व नहीं करते।

कौन है ये लोग जो किसान के नाम के आड़ में आंदोलन कर रहे हैं, लाल किले पर तिरंगे का अपमान कर रहे थे, पुलिस पर खुले आम तलवार चला रहे थे, और किसान के बेटे के ऊपर ट्रेक्टर चढ़ा रहे थे ? इस तरह दिल्ली पर चढ़ाई कर रहे थे जैसे कोई दुश्मन की जगह हो। इनके कारन किसानी की देश में बदनामी हुई।  

दिल्ली में ये 2% अराजक आंतकी प्रवति के ये आंदोलन कारी किसान, सच्चा किसान नहीं हो सकते, इन लोगो ने नेताओ और बामपंथियों के समर्थन से जो हुड़दंग मचाया है इनके साथ 98% सच्चे देशभक्त किसान को रत्तीभर लेना देना नहीं है।  सच्चा किसान तो खेत पर अपनी अपनी फसल को सजाकर, संवारकर तैयार करने में लगा है। 


किसानों का हिंसक ट्रैक्टर मार्च

बता दें कि प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोक दिया गया क्योंकि ट्रैक्टर रैली समय से पहले ही शुरू कर दी गई थी। दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली को दोपहर से शाम 5 बजे तक करने की अनुमति दी थी। 

हालांकि, जब प्रदर्शनकारियों ने राजधानी में घुसने की कोशिश की, तो दिल्ली पुलिस ने किसानों को योजना के अनुसार रैली शुरू करने को कहा जिसने बाद, पुलिस और किसानों के बीच झड़प हो गई।

इस दौरान पुलिस ने किसानों की भीड़ पर काबू पाने के लिए लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े, तो किसान भी पुलिस वालों को मारते हुए नजर आ रहे हैं। इस दौरान पुलिस सार्वजनिक चीजों को भी तोड़ते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं एक वीडियो सामने आया है जिसमें किसान पुलिस पर ट्रैक्टर से कुचलना चाह रहे हैं। 


किसानों ने लाल किले पर चढ़कर फहराया अपना झंडा

किसानों का गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाला ट्रैक्टर मार्च (Tractor Parade) अब हिंसक हो चुका है जिसमें प्रदर्शनकारी लाल किले तक पहुंच गए हैं। केंद्र के तीन नए कृषि क़ानूनों का विरोध करते हुए, किसान लाल किले के प्राचीर पर चढ़ गए हैं, जबकि पुलिस उन्हें बाहर करने की कोशिश कर रही है। इतनी ही नहीं, किसानों ने स्मारक पर अपना झंडा भी फहरा दिया है। 

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