नेशनल गर्ल चाइल्ड डे के अवसर पर रविवार को अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने सिनेमा की ताकत के बारे में बात की, जिनसे समाज में बदलाव आता है और जिसका लाभ महिलाओं को मिलता है।
नेशनल गर्ल चाइल्ड डे के अवसर पर रविवार को अभिनेत्री रानी मुखर्जी (Rani Mukherje) ने सिनेमा की ताकत के बारे में बात की, जिनसे समाज में बदलाव आता है और जिसका लाभ महिलाओं को मिलता है। बॉलीवुड में पिछले 24 साल से सक्रिय रानी का मानना है कि वह कुछ ऐसे फिल्मों का हिस्सा रही हैं, जिनमें महिलाओं के किरदार सशक्त रहे हैं।
रानी कहती हैं, "सिनेमा में समाज में बदलाव लाने का पावर है और कलाकारों में अपनी फिल्मों के माध्यम से लोगों से बात करने और सकारात्मक बदलाव लाने वाली सोच का बीजारोपण करने की शक्ति है। एक कलाकार के तौर पर ऐसी परियोजनाओं का हिस्सा बनने के लिए मैं खुशकिस्मत रही हूं, जिनमें महिलाओं को मुख्य किरदार के रूप में पेश किया गया है और सच कहूं, तो मुझे अभी भी ऐसे ही कामों की तलाश रहती है।"
रानी मुखर्जी ने अपने करियर की शुरुआत हिंदी सिनेमाजगत में साल 1996 में आई फिल्म राजा की आएगी बारात से की थी। ये फिल्म तो बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं कर सकी लेकिन इस फिल्म के बाद रानी जरूर लोगों की नजरों में आ गईं। इस फिल्म के बाद रानी को कई सारी फिल्मों के ऑफर मिले जिसमें वो दमदार किरदार में नजर आईं। इन फिल्मों में आमिर खान के साथ आई फिल्म गुलाम, कुछ कुछ होता है, बादल, मुझसे दोस्ती करोगे, साथिया, ब्लैक, हिचकी और मर्दानी फिल्म शामिल हैं।
इनपुट: आईएएनएस
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