Most Miscarriage and Stillbirths Causing Air Pollution Shocking Research: गर्भ के दौरान बच्चों की मौत (Stillbirths and Miscarriages) के लिए वायु प्रदूषण (Air Pollution) बड़ा कारण बनता जा रहा है. इस मामले में दक्षिण एशिया के देशों में भारत की हालत चिंताजनक है और भारत में गांवों की।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) से दुनिया भर में मौतें हो रही हैं, इसके खिलाफ कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) एक आशा की किरण बनकर आई है लेकिन एक इससे भी खतरनाक 'अदृश्य हत्यारा' तेजी से ज्यादा घातक होता जा रहा है। ये अदृश्य हत्यारा है वायु प्रदूषण (Air Pollution). इससे हर साल 1.6 मिलियन लोगों की मौत की मौत होती है. अब यह गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है.
गर्भपात की बड़ी वजह (Miscarriage Cause) What causes miscarriage and stillbirth?
जी हां, एक रिसर्च में हैरान करने वाली संच्चाई सामने आई है. वायु प्रदूषण के कारण साउथ एशिया में गर्भपात (Miscarriage) हो रहे हैं। यह रिसर्च द लांसेट प्लेनेटरी हेल्थ (Lancet Planetary Health) में प्रकाशित हुई है. रिसर्च के अनुसार, वायु प्रदूषण (Air Pollution) दक्षिण एशिया में गर्भपात का बड़ा कारण है. इस रिसर्च के मुताबिक भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में एयर पॉल्यूशन के कारण लगभग 350,000 बच्चों की गर्भ में ही मौत हो गई. इनमें से 67 प्रतिशत मामले ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। रिसर्च के अनुसार, साउथ एशिया में 15 में से हर एक गर्भपात का कारण वायु प्रदूषण है. प्रदूषित हवा के कारण बच्चे का जन्म लेने से पहले ही दम घुटने लगता है. दम घुटने से कारण बच्चे गर्भ में ही दम तोड़ रहे हैं।
हवा में जहर का कारण
जहरीली हवा की वजह PM 2.5 कण हैं, जिसके बड़े कारण खेती, औद्योगिक गतिविधि, लकड़ी जलाने और वाहनों से निकलेन वाला धुआं है। PM2.5 कण बेहद हानिकारक हैं लेकिन एक गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए सबसे अधिक. रिसर्च बताता है कि दक्षिण एशिया में गर्भधारण के बाद 34,197 महिलाओं का कम से कम एक बार खराब हवा के कारण गर्भपात हुआ है।
ग्रामीण क्षेत्र भी सुरक्षित नहीं हैं
अब खतरा गांव तक पहुंच चुका है. वायु प्रदूषण (Air Pollutioon) के कारण सबसे अधिक 77 फीसदी मामले भारते से हैं. इनमें से 67 फीसदी ग्रामीण इलाकों के हैं. ये वो ग्रामीण क्षेत्र जो बड़े शहरों में हवा शुद्ध करने के लिए अक्सर उपेक्षित रह जाते हैं. कुल मिलाकर वायु प्रदूषण ग्रामीण भारत को अधिक नुकसान पहुंचा रहा है. 2015 के एक अध्ययन से पता चला है कि भारत में वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों का 75% ग्रामीण क्षेत्रों में होता है।
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कैसे बचेगी कोख में नन्ही जान?
वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण आज भी खाना पकाने के लिए लकड़ी और गोबर के उपलों का प्रयोग है। इसके अलावा पराली जलाए जाने की वजह से भी बहुत वायु प्रदूषण फैलता है. हालांकि भारत सरकार ने बायोमास ईंधन के घरेलू उपयोग को कम करने के लिए तमाम प्रयास किए हैं. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में एलपीजी की पहुंच में सुधार हुआ है लेकिन सुधार के लिए अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है. यह रिपोर्ट बताती है कि प्रदूषण के मामले में केवल शहरों की चिंता करना उचिक उचित नहीं है कोख में पल रही नन्ही जान को बचाना है तो अब ग्रामीण क्षेत्रों की भी चिंता करने होगी।
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