Madanpur Khadar: misbehavior with senior citizen and disabled woman in cluster bus 465
Madanpur Khadar, New Delhi: दिल्ली के मदनपुर खादर का इलाका अपने आपराधिक मामलो के लिए जाना जाता है। आये दिन यहाँ से कुछ न कुछ आपराधिक मामले सामने आते ही रहते हैं। लेकिन इस बार जो मामला सामने आया है, वो थोड़ा अलग है, सुनने में तो ये मामूली लगता है लेकिन काफी संगीन और निंदनीय है। हम बात कर रहे है क्लस्टर बस (Cluster Bus) रूट नंबर 465, DL 1P C5372 की। एक शिकायतकर्ता के मुताबिक इस बस का कंडक्टर बुजुर्ग लोगो और महिलाओं के साथ रोज़ दुर्व्यवहार करता है।
शिकायत करता खुद एक सीनियर सिटीजन है। इन्होने बस के कंडक्टर और कुछ रेगुलर युवा पैसेंजरो (Regular Passengers) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इनका कहना है कि प्रात 6 बजे मदनपुर खादर, श्री राम चौक से वे और उनकी पत्नी बस 465 पकड़ते हैं। वे सीट में पहले बैठते है लेकिन कुछ युवा यात्री इनके साथ बत्तमीजी करते हैं और जबर दस्ती सीट से उठा देते है तथा धक्कामुक्की भी करते हैं। कंडक्टर भी उनका साथ देता है। यहाँ तक की सीनियर सिटीजन के सीट पर भी बैठने नहीं देते। ये सब इस बस के नियमित यात्री हैं।
बेचारे बीमार व्यक्ति है दो दो बार 'टी.बी.' का इलाज करवा चुके हैं, दिल के मरीज हैं और हाल ही में इनका हर्निया का एक बड़ा ऑपरेशन भी हो चूका है। इनकी मानसिक स्तिथि भी ठीक नहीं रहती है। इन लोगो के द्वारा ऐसे निंदनीय व्यवहार के कारण वे एवं उनकी पत्नी को काफी कठनाईओं का सामना करना पड़ता है।
ये लोग बस में इनका मजाक उड़ाते हैं और हातपाई करके सीट से उठा देते है बैठने तक नहीं देते। अगर बैठे भी हों तो जबरन सीट से उठा देते है मानो उनकी खुद की प्रॉपर्टी हो। न महिलाओं की इज्जत न सीनियर सिटीजन की इज्जत और न ही विकलांग लोगो पर दया। शिकायतकर्ता 60 - 65 साल के हैं और बीमार भी हैं इन लोगो के कारण इनको दिल का दौरा आते आते बचा। और तबियत ख़राब हो गयी। इनका आगे कहना है उस बस में एक मार्शल भी हमेशा मौजूद रहता है उसके बाबजूद ये सब होता है। आपको लग रहा होगा वो लोग अनपढ़ गवार होंगे जो बुजुर्ग लोगों को परेशान करते हैं लेकिन वे सभी अच्छे खासे दिखने वाले लोग हैं। ये लोग ऐसे है कि विकलांग महिलाओं तक को नहीं छोड़ते और उन्हें भी सीट में बैठने नहीं देते क्यूंकि खुद को जो बैठना है आराम से।
शिकायतकर्ता ने इस सम्बन्ध में उंच विभाग में भी शिकायत की है और शिकायत में ये भी कहा कि मैं एक बीमार व्यक्ति हूँ तथा एक सीनियर सिटीजन भी हूँ। अगर मेरी तबियत को कुछ भी हानि होता है तो उसके जिम्मेदार बस के कुछ चुनिंदा यात्री और इसका कंडक्टर होगा। उन्होंने कुछ लोगो का हुलिया और नाम चिन्हित करके लिखित में कंप्लेंट फाइल की है। और सुनने में आया है कि इस पर सख्त कार्यवाही भी किया जाने वाला है।
हुलिए से कंडक्टर दुबला पतला है और इसका रंग सांवला है। एक अन्य यात्री के मुताबिक कंडक्टर बस के टिकटों के पैसो में भी घपला करता है। 15 रुपये का टिकट 10 रुपये में देता है। उसका कहना है कि कंडक्टर यात्रियों से उतरने के वक़्त टिकट वापस ले लेता है और बस के वापसी जाने के दौरान टिकट को फिर से रियूज करता है।
हमने भी इस मामले का संज्ञान दिल्ली परिवहन निगम के उच्च विभाग को दिया है। और उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि इस मामले में सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी। हमारी न्यूज़ टीम भी प्लान कर रहे हैं कभी मौके में जा कर फोटो और वीडियोग्राफी करने की तथा और बारीकी से इस तथ्य को आपके सामने लाने की।
देखा जाये तो ऐसा मामला ये बताता है कि लोगो में सहनशीलता नहीं है और न ही लोगो में किसी के प्रति दया की भावना। शरीर से इंसान अंदर से जानवर। अब कुछ लोग बोलेंगे ऐसा बोलना जानवरो की तौहीन है। ये लोग उससे भी गैर गुजरे है।
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