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रविवार, 22 मई 2022

Qutub Minar History: इस्लामिक साम्राज्य से पहले का है कुतुब मीनार, सामने आए ये सबूत

Qutub Minar History: इस्लामिक साम्राज्य से पहले का है कुतुब मीनार, सामने आए ये सबूत
इस्लामिक साम्राज्य से पहले का है कुतुब मीनार, सामने आए ये सबूत (Image Source: Zee News)



मुख्य बातें : इस्लामिक साम्राज्य के आने से कई साल पहले का है कुतुब मीनार, सामने आए ये सबूत


Qutub Minar Real History: मुगलों ने भारत पर जब तक शासन किया, हमारी कई सांस्कृतिक धरोहरों को नुकसान पहुंचाया. इतना ही नहीं इस दौरान कई हिंदू मंदिर भी मस्जिदों में बदल दिए गए. अब ऐसे ही सबूत कुतुब मीनार को लेकर सामने आ चुके हैं. कुतुब मीनार पर अंग्रेजों के जमाने की ASI की 150 साल पुरानी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट मीडिया के हाथ लगा है. इसे अबतक का सबसे बड़ा सबूत बताया जा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, कुतुब मीनार के इस्लामिक साम्रज्य स्थापित होने से पहले से मौजूद है.


इस्लामिक साम्राज्य से पहले का है कुतुब मीनार

कुतुब मीनार पर ZEE NEWS का दावा है कि उनके पास मौजूद है अंग्रेजों के जमाने की ASI की 150 साल पुरानी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट. ZEE NEWS अनुसार, ASI के तत्कालीन अधिकारी जे डी बेगलर द्वारा कुतुब मीनार में वर्ष 1871-1872 में किये गए सर्वेक्षण और बनाई गई रिपोर्ट में जे डी बेगलर ने कुतुब मीनार पर बड़े खुलासे किये थे. कुतुब मीनार और कुतुब मीनार परिसर के भारत में इस्लामिक साम्राज्य आने के सैकड़ों वर्ष पहले से मौजूद होने का दावा किया था. इस रिपोर्ट में इस दावे को लेकर कई सारे तथ्य भी दिए गए थे.

हिंदी अक्षरों में लिखा है संवत 259 

आज से 150 वर्ष पहले 1871-72 में कुतुब मीनार पर किये गए अपने सर्वेक्षण में ASI के तत्कालीन अधिकारी जे डी बेगलर ने बताया था कि कुतुब मीनार के बाएं ओर पर बने प्रवेश द्वार हिंदी अक्षरों में संवत 259 लिखा है. आज भी कुतुब मीनार पर सम्राट अशोक के समय से भी पहले के कुछ शिल्पकृतियां मौजूद हैं. इन शिल्पकृतियों से साबित होता है कि मीनार गुप्त काल से भी पहले बनवाई गई थी.


https://hindi.cdn.zeenews.com/hindi/sites/default/files/Qutub.jpg
Image Credit: Zee News : ये रिपोर्ट के तीन पन्ने हैं, जिनमें लाल घेरे में आप देख सकते हैं कि किस तरह कुतुब मीनार को हिंदू मंदिर से इस्लामिक इमारत में बदल दिया गया.

खजुराहो मंदिर जैसी कारीगरी

अपनी 100 पन्नों की रिपोर्ट में ASI के तत्कालीन अधिकारी जे डी बेगलर बताते हैं कि कुतुब मीनार पर मौजूद घंटे, कमल और त्रिभुजग यानी TRIANGLE के निशान तो असली हैं और खजुराहो मंदिर जैसी कारीगरी का नमूना पेश करते हैं लेकिन मीनार पर मौजूद अरबी के निशानों को देख कर लगता है कि कुतुब मीनार के पत्थरों को गहराई से काटने के बाद इन्हें लगाया गया है.


हिंदू मंदिर को तोड़कर हुआ निर्माण 

ASI ने 1871-72 के सर्वे में यह भी पाया था कि कुतुब मीनार और परिसर में बने मंदिरों को एक साथ और एक ही समय मे बनवाया गया था. जे डी बेगलर अपनी रिपोर्ट में लिखते हैं कि कुतुब मस्जिद में स्पष्ट साक्ष्य मौजूद हैं कि इसका निर्माण हिंदू मंदिर को तोड़ कर किया गया था. लेकिन बहस कुतुब मीनार पर है तो सर्वेक्षण के दौरान उन्होंने ने पाया कि 12वीं-13वीं शताब्दी में जब आधुनिक इंजिनीरिंग मौजूद ही नहीं थी तब मौजूदा मस्जिद से कुछ ही दूरी पर इतनी बड़ी मीनार खड़ा कर वो भी अगल बगल की इमारतों को नुकसान पहुंचाये बिना असंभव है और बर्बर मुगलों के बस की बात ही नही थी, क्योंकि यह टेक्नोलॉजी तो रिपोर्ट लिखने के समय तक मौजूद नहीं थी. ऐसे में यह पुख्ता प्रमाण है कि मीनार का निर्माण भी मंदिरों के साथ ही किया गया है.


दीवारें ही इसके हिंदू मंदिर होने की दे रही गवाही

रिपोर्ट में जे डी बेगलर ने लिखा कि अरबी यात्री इब्नबतूता तक ने पूरे कुतुब मीनार परिसर को हिंदू परिसर कहा था और अपनी किताब में यहां 27 मंदिर होने की बात लिखी थी. जे डी बेगलर ने अपनी रिपोर्ट में कुतुब मस्जिद को नष्ट हुआ हिंदू मंदिर बताया था और कहा था कि मस्जिद की दीवारें ही इसके हिंदू मंदिर होने की गवाही दे रही हैं. 


मिली थीं दो मूर्तियां 

ASI के तत्कालीन अधिकारी जे डी बेगलर ने साथ ही अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि कुतुब मीनार और मस्जिद के आसपास खुदाई के दौरान उन्हें देवी लक्ष्मी की दो मूर्तियां मिलीं, जबकि जो इस्लामी निशान मिले वो सिर्फ जोड़-तोड़ की गवाही दे रहे थे. रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि कुतुब मीनार परिसर में जो भी शिल्पकृति दिखती हैं वो सारी हिंदू शिल्पकृतियां हैं, जबकि इस्लामी निशान जोड़-तोड़ के है.




 
With Input - Zee News

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