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मंगलवार, 31 मई 2022

Video: गायब हुआ जहाज 30 साल बाद हुआ लैंड, क्या है 'Flight 914' का रहस्य

गायब हुआ जहाज 30 साल बाद हुआ लैंड, क्या है 'Flight 914' का रहस्य


मुख्य बातें : मुख्य बातें : दुनिया उस वक़्त दुविधा में पड़ गई जब 1955 में ग़ायब हुआ जहाज पूरे 30 साल बाद 1985 को रहस्यमयी तरीके से वेनेजुएला के कारकास एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। 

Mystery of Flight 914: ये पूरी दुनिया रहस्यों से भरी हुई है। दुनियाभर में आज भी कई ऐसे रहस्य हैं जिनकी गुत्थी अब तक सुलझ नहीं पाई है। इसी कड़ी में हम आपको एक ऐसे रहस्य के बारे में बताने जा रहे हैं, जिस पर विश्वास करना नामुमकिन सा है। हम आपको अमेरिका के एक ऐसे रहस्यमयी जहाज के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने उड़ान भरने के क़रीब 30 साल बाद दूसरे देश में लैंड किया। और लैंड करने के कुछ समय बाद ये फिर से ग़ायब हो गया।


क्या है Flight 914 की रहस्यमयी कहानी



बात सन 1985 की है जब एक चार्टर्ड प्लेन DC-4, 57 Passengers के साथ Caracas, Venezuela, में लैंड करता है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि यह प्लेन 30 साल पहले 2 जुलाई 1955 को अमेरिका के न्यूयॉर्क से मयामी के लिए उड़ान भरी थी और रास्ते में ही कहीं गायब हो गया था। पर वेनेजुएला में लैंड करने के कुछ पल बाद ही ये जहाज फिर से उड़ान भरता है और बादलों में एक भूत की तरह गायब हो जाता है।


इस घटना का मुख्य सबुत Radio Communication में Record हुयी पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर के बीच की वार्तालाप है। एयरपोर्ट कंट्रोल के एक कर्मचारी Juan de la corte ने बताया उन्होंने इस घटना को अपनी आँखों से देखा था। Corte के अनुसार मुख्य सबूत 1955 का एक Hand-size कैलेंडर भी था जो कि उस Ghost Plane के पायलट ने जहाज के दोबारा ग़ायब होने से पहले Runway पर छोड दिया था।


Juan De La Corte ने बताया - मैंने प्लेन देखा, मैंने पायलट की आवाज भी सुनी। यहां तक​​की Ghost Pilot का छोड़ा हुआ कैलेंडर भी उनके हाथ में था। उसके बाबजूद भी उन्हें अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हो रहा था। 


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उन्होंने ये भी बताया कि फ्लाइट के लोगों को अभी भी ये लग रहा था कि वो सन 1955 में हैं और उनकी फ्लाइट ने फ्लोरिडा में लैंड किया है। पर आश्चर्य की बात ये थी कि इसमें कोई सच्चाई नहीं थी और ना जाने वो लोग इतने सालो तक कहाँ थे। बाकी एयर ट्रैफिक कर्मचारी के अनुसार यह कुछ अजीब और अलौकिक था। क्यूंकी उन्होंने जो प्लेन देखा वो काफ़ी पुराने प्रकार का था। जो उनके रडार स्कैन पर भी नहीं दिख रहा था।


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Control Tower के कर्मचारी ने बताया जब उन्होंने पायलट से उसका नाम पूछा तो पायलट ने उत्तर दिया। हम कहाँ हैं ? उसकी आवाज से डर और परेशानी का पता साफ लगाया जा सकता था। पर अंत में पायलट ने कहा यह एक चार्टर्ड प्लेन 914 है। जिसमे 4 क्रू मेंबर और 57 Passengers सवार हैं। और यह प्लेन न्यूयॉर्क से मयामी के लिए है। पायलट की यहाँ बात सुनते ही पूरे कंट्रोल रूम में सन्नाटा सा छा गया।  क्योंकि फ्लाइट 914 का डेस्टिनेशन पॉइंट मयामी है जो  कि काराकास वेनेजुएला से 1800 किलोमीटर दूर था। 


तभी कंट्रोल पर बैठे शख्स ने पायलटसे कहा यह तो काराकास वेनेजुएला साउथ अमेरिका है। क्या तुम रास्ता भटक गए हो? पर पायलट के तरफ से कोई जबाब नहीं आया। कंट्रोल पैनल कंफ्यूजन में प्लेन को उतरने की इजाजत देता है। एयरपोर्ट पर उतरने के बाद कंट्रोल Tower के कर्मचारी ने पायलट की आवाज सुनी जो अपने को-पायलट से हैरान होकर कह रहा था: - "Jesus Christ, Jimmy!  ये क्या अजीब सी चीज है। उन्हें देख कर यह लग रहा था जैसे उन्होंने एयरपोर्ट पर खड़ा जेट प्लेन नहीं कोई स्पेस शिप देख लिया हो। 


Corte के अनुसार उस रहस्यमयी जहाज के पायलट ने बताया यह फ्लाइट 1955 में मयामी के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुबह 9:55 पर लैंड होनी थी। इस बात से हैरान होकर कोर्टे ने पायलट को बताया यह काराकास का इंटरनेशनल एयरपोर्ट है और आज 9 मार्च 1985 है। यह सुन पायलट काफी घबरा गया और गंभीर रूप से सांस लेने लगा और बोला 'ओह! माई गॉड' ।  कोर्टे ने उन्हें शांत करने की कोशिश की। और कहा हम अपना ग्राउंड क्रू आपकी शाहयता के लिए भेज रहे हैं। 


पर जैसे ही ग्राउंड क्रू प्लेन के पास जाने लगा तभी पायलट एक दम से चिल्लाया 'नहीं नहीं हमारे पास मत आओ, हम जा रहे हैं'। एयरपोर्ट पर मौजूद स्टाफ़ ने बताया की पेसेंजरो के भौचक्के चेहरे नजर आ रहे थे। तभी पायलट ने अपने कॉकपिट की खिड़की खोली और हाथ से इशारा किया 'दूर जाओ यहाँ से'। 


कोर्टे के अनुसार पायलट अपने हाथ में एक फोल्डर को हिलाते हुए ग्रौंड क्रू को दूर जाने का इशारा कर रहा था। शायद यही वो पल था जब साल 1955 का वो छोटा कैलेंडर फोल्डर से निकल कर रनवे पर गिर गया हो ? जो उन्हें बाद में मिला। 


फिर पायलट ने अपने प्लेन का इंजन स्टार्ट किया और प्लेन को उड़ा ले गया। और देखते ही देखते प्लेन आसमान में कही गायब हो गया।  बाद में कंट्रोल टावर के रेडियो के रिकॉर्ड में वार्तालाप और वो कैलेंडर गवर्नमेंट सीनियर सर्विस के द्वारा जब्त कर लिया गया। 


क्या है फ्लाइट 914 की कहानी की असलियत


बताया जाता है, पैन अमेरिका की Flight 914 डीसी-4, 2 जुलाई, 1955 को न्यूयॉर्क से मयामी के लिए उड़ान भरता है। इस विमान में कुल 57 यात्री और 4 चालक दल के मेंबर्स सवार थे। यह गर्मी और धूप वाला दिन था मौसम भी साफ था। और विमान के साथ कोई समस्या नहीं बताई गई थी।
 

अगर 1955 की बात करें तो तब न्यूयॉर्क से मयामी विमान से अधिकतम 5 घंटे में पहुंचा जा सकता था। हालांकि निर्धारित फ्लाइट 914 मियामी पहुंचने वाली थी, लेकिन राडार पर विमान के आने का कोई संकेत नहीं मिला। और न ही कोई संकट के संकेत प्राप्त हुए। विमान न्यूयॉर्क से मयामी पहुंचने के बजाय घोस्ट की तरह आसमान से ही ग़ायब हो गया।


जब Air traffic control ने न्यूयॉर्क टावर से संपर्क किया, तो उन्होंने बताया कि पैन एम फ्लाइट 914 रडार पर कहीं नहीं देखा गया था, और साथ ही पायलट से संपर्क नहीं हो सका। विमान हवा में गायब हो गया और यात्री कहीं नहीं मिले। अमेरिका ने उस समय इसे खोजने के कई प्रयास किए, लेकिन इसका कहीं कोई सुराग नहीं मिला।


1955 में ग़ायब जहाज 1985 को लैंड हुआ
दुनिया उस वक़्त दुविधा में पड़ गई जब 1955 में ग़ायब हुआ Flight 914 पूरे 30 साल बाद 9 मार्च 1985 को रहस्यमयी तरीके से वेनेजुएला के कारकास एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। इस दौरान हैरान करने वाली बात ये थी कि एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल को इस विमान के बारे में कोई पूर्व सूचना नहीं थी। लेकिन लैंडिंग के कुछ ही देर बाद इस विमान ने एक बार फिर उड़ान भरी और आसमान में फिर से एक भूत की तरह ग़ायब हो गया।


बीते 30 सालों से अमेरिका के इस प्लेन Pan American Flight 914 के गायब होने और इसके वापस लौटने की कहानी दुनियाभर में मीडिया की सुर्खियां बन चुकी हैं। 


न्यूज साइट्स ने किया इस रहस्यमयी कहानी का पर्दाफाश
लेकिन फेक खबरों का सच जानने वाली न्यूज साइट्स ने इस पूरी कहानी पर से पर्दा उठाया है। उन्होंने बताया कि पैन अमेरिका का इस नंबर का कोई प्लेन था ही नहीं और न ही ऐसे किसी प्लेन ने उस दिन उड़ान भरी थी। ये पूरा कारनामा 1992 में अमेरिका के किसी लोकल न्यूज पेपर  की कारगुजारी थी, जिसने ये फेक खबर पब्लिश की और आज तक लोग इसकी वजह से धोखा खा रहे हैं। 


दुनिया में आग की तरह फैली खबर

गायब हुआ जहाज 30 साल बाद हुआ लैंड, क्या है 'Flight 914' का रहस्य



21 मई 1992 में अमेरिका के एक लोकल न्यूज पेपर प्लेन के गायब होने और वापस आने की खबर पब्लिश करता है। यहीं से इसकी शुरुआत होती है। हैडलाइन थी 'फ्लाइट 914 की पहेली'। नीचे लिखा होता था, 1955 में उड़ान भरने वाला प्लेन 1985 में वापस आया। खबर आग की तरह फैलती है। लोग इसपर भरोसा करने लगते हैं। अफवाहों का दौर शुरू हो जाता है। न्यूज पेपर में पब्लिश होने के बाद ये खबर दुनिया भर में फैल जाती है। 


कहा जाता है कि प्लेन बरमुडा ट्राएंगल से वापस लौटकर आ गया तो कुछ इसे दूसरी दुनिया से जोड़कर देखने लगते हैं। इंटरनेट पर लोग इसे अलग-अलग तरीके से पेश करते हैं। कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि आखिर इतने समय से ये प्लेन कहां था? अगर ये उड़ रहा था?, तो इसका ईंधन खत्म क्यों नहीं हुआ?, क्या ये किसी खुफिया मिशन पर था?, तो कोई इसे टाइम ट्रैवल की घटना बताता है। 




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