प्रदर्शन में शामिल अभिभावकों ने कहा, 'प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी तरह के माफियाओं और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की है। उनका बुलडोजर लगातार माफिया और गैंगस्टर पर चल रहा है। हम उनसे मांग करते हैं कि शिक्षा माफिया पर भी बुलडोजर चलाया जाए।'
Bulldozer on education mafia: नोएडा में निजी स्कूलों द्वारा कथित तौर पर मनमाने तरीके से की गई फीस वृद्धि के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा (वेस्ट) में कई अभिभावकों ने 'बुलडोजर' पर सवार होकर रविवार को प्रदर्शन किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से 'शिक्षा माफिया' पर बुलडोजर चलाने की मांग की। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि स्कूल परिवहन के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं और एनसीईआरटी की अपेक्षाकृत सस्ती किताबों के बजाय निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें खरीदने के लिए दबाव बना रहे हैं।
अभिभावकों ने ग्रेटर नोएडा (वेस्ट) में प्रदर्शन किया जिसे अब नोएडा एक्सटेंशन के नाम से जाना जाता है। यह प्रदर्शन नेफोवा और एनसीआर पेरेंट्स एसोसिएशन के बैनर तले किया। प्रदर्शन के दौरान अभिभावक जेसीबी (बुलडोजर) लेकर सड़क पर उतरे। नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा, 'हम लोगों ने स्कूल फीस वृद्धि को लेकर दो हफ्ते पहले बूट पॉलिश करके सांकेतिक प्रदर्शन किया था। उसके बाद जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा था, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया है।'
उन्होंने आगे कहा कि महंगाई की मार से अभिभावक पहले से ही परेशान हैं, इस बीच निजी स्कूलों द्वारा फीस बढ़ाने का दबाव अभिभावकों को झेल पाना काफी मुश्किल लग रहा है। इसलिए हम इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, और जब तक सरकार फीस वृद्धि वापस नहीं ले लेती, तब तक आंदोलन जारी रखा जाएगा। प्रदर्शन में शामिल सविता नाम की महिला ने कहा, 'प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी तरह के माफियाओं और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की है। उनका बुलडोजर लगातार माफिया और गैंगस्टर पर चल रहा है। हम उनसे मांग करते हैं कि शिक्षा माफिया पर भी बुलडोजर चलाया जाए।'
बता दें, मनमाने तरीके फीस वसूल रहे निजी स्कूलों के खिलाफ प्रदर्शन कई सालों से अभिभावक कर रहे हैं। कई जगह इसको लेकर गुहार भी लगा चुके हैं, पर इस समस्या का समाधान नहीं निकल रहा है। सरकारी स्कूलों में मोटी सैलरी पाकर भी शिक्षक बच्चों पर ध्यान नहीं देते, वहीं निजी स्कूलों में शिक्षा के नाम पर मनमाने तरीके से पैसे लिए जाते हैं। ऐसे में अभिभावकों के सामने प्रदर्शन करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचता।
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