जो कश्मीरी पंडितों के साथ हुआ, उसका सिर्फ 35 प्रतिशत हि दिखाया गया, वास्तव में वह फिल्म की स्क्रिप्ट से भी ज्यादा भयावह और क्रूर था
फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) को दर्शकों का जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। इस फिल्म में कश्मीर में 1990 में हुए नरसंहार और कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) के साथ दिल दहलाने वाले अत्याचार को पर्दे पर दिखाया गया है। फिल्म आतंकियों का कमांडर बिट्टा कराटे (Bitta Karate) का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है जिसमें उसने 20 लोगों को मारने की बात खुद ही इंटरव्यू में कबूली थी। जिसके बाद से चारों ओर उसकी चर्चा हो रही है।
कौन है कश्मीरी पंडितों का कातिल बिट्टा कराटे?
आपको बता दें बिट्टा काराटे का असली नाम फारूक अहमद डार (Farooq Ahmed Dar) है और बिट्टा कराटे (Bitta Karate) के नाम से कुख्यात है। यूट्यूब पर बिट्टा कराटे का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें उसने खुद कश्मीरी पंडितों के हत्याओं की बात कबूल की थी। बिट्टा कराटे कहता है कि उसने करीब 20 लोगों का कत्ल किया था, जिनमें ज्यादातर कश्मीरी पंडित थे। वीडियो में बिट्टा जब लोगों को मारने की बात करता है तो उसके चेहरे पर जरा भी दुख तक नहीं दिखता।
T€®®0®!$T Bitta Karate admitted k!££!ng 20+ Kashmiri Hindus and 4 IAF officers during an interview to BBC yet the milords doesn't want to plead him gulity #TheKashmiriFiles #KashmirFiles pic.twitter.com/KYfpM0zQRr
— 🇮🇳Nainika सनातनी 🇮🇳🚩🚩 (@saffronncloud) March 14, 2022
32 दिन की ट्रेनिंग के बाद बना था आतंकी
बिट्टा कहता है कि स्थानीय प्रशासन से परेशान होकर वह आतंकी बना था। आतंकवाद की ट्रेनिंग लेने के लिए वह पाकिस्तान (Pakistan) भी गया और 32 दिन की ट्रेनिंग लेकर आने के बाद आतंकी बना था। उसने कहा था कि ऊपर (पाकिस्तान/ISIS या आतंकी कमांडर) से उसे कत्ल करने का ऑर्डर मिलता था। वीडियो में बिट्टा कहता है कि अगर कहा जाता तो वह अपनी मां और भाई को भी मार देता। जिन बीस लोगों की उसने हत्या की थी, उनमें आरएसएस के नेता सतीश कुमार टिक्कू भी शामिल थे।
16 साल जेल में रहा बिट्टा कराटे
जम्मू-कश्मीर के पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत उसे गिरफ्तार किया था और 16 साल जेल में रहने के बाद साल 2006 में जम्मू की टाडा कोर्ट से जमानत पर रिहा हो गया था। उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला था। जेल से छूटने के बाद बिट्टा जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) में शामिल हो गया। बिट्टा कराटे आज भी जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में ही है, और जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट (JKLF) का चेयरमैन है।
2019 में फिर गिरफ्तार हुआ था बिट्टा कराटे
साल 1990 में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के बाद बिट्टा कटारे राजनीति की दुनिया में उतर गया था। पुलवामा हमले के बाद बिट्टा को आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत एक कार्रवाई में टेरर फंडिंग के आरोप में साल 2019 में एनआईए (NIA) ने गिरफ्तार किया था। इंटरव्यू में बिट्टा कटारे ने नरसंहार को लेकर सारे आरोप कबूले थे, लेकिन बाद में वह इनसे पलट गया।
फिल्म के स्क्रिप्ट से अधिक भयावह और क्रूर था वास्तविक कत्लेआम
बिट्टा कराटे का दमदार किरदार निभाने वाले मराठी फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता चिन्मय मंडेलकर इस रोल को लेकर सिहर उठते हैं। फिल्म में बिट्टा की भूमिका को लेकर मंडलेकर ने न्यूज18 को बताया जब उन्होंने पहली बार स्क्रिप्ट पढ़ी तो वो चौंक गए थे। उन्होंने कहा, मैंने विवेक से पूछा, ‘क्या यह सब सच है? क्या वास्तव में ऐसा हुआ है?’ विवेक ने बहुत ही शांत स्वर में मुझसे कहा, ‘स्क्रिप्ट में जो कुछ भी लिखा गया है वह वास्तव में जो हुआ है उसका सिर्फ 35 प्रतिशत है’, क्योंकि वास्तव में जो हुआ है वह कहीं अधिक क्रूर है।”
फिल्म में खून से लथपथ चावल खिलाने की सीन को याद पर मंडलेकर ने कहा कि वे बेहद परेशान करने वाले दृश्य थे। उन्होंने कहा, “जब मैं स्क्रिप्ट पढ़ रहा था तो मैं एक खास तरह के भावनात्मक उथल-पुथल से गुजरा था। मैं बिल्कुल चौंक गया था। फिर इस घटना का मैंने वास्तविक संदर्भ पढ़ा तो पता चला कि उस आदमी को वास्तव में उसी तरह मारा गया था और उसका खून से लथपथ चावल उसकी पत्नी को खिलाया गया था। यह बहुत बेचैन करने वाला था।”
________________________________
© अनुमति के बिना इस वेबसाइट के किसी लेख, फोटो, वीडियो का उपयोग करना अवैध है
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Please do not enter any spam link in the comment box.