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शनिवार, 15 जनवरी 2022

2022 की हॉलिडे लिस्ट देख भड़के लोग, कहा - ये देवताओं की भूमि है प्रोफेट की नहीं

Holiday mandatory on Prophet's birthday, optional on Ramnavami-Janmashtami. Netizens furious after seeing the holiday list of 2022, said - this is the land of the gods, not the prophets
Photo Credit: Opindia.com

पैगंबर के जन्मदिन पर छुट्टी 'अनिवार्य', रामनवमी-जन्माष्टमी पर ‘वैकल्पिक’ 2022 की हॉलिडे लिस्ट देख भड़के लोग, कहा - ये देवताओं की भूमि है प्रोफेट की नहीं


सरकारी छुट्टियों की इस लिस्ट पर ध्यान पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने दिलवाया है। उन्होंने हॉलिडे लिस्ट 2022 साझा करते हुए लिखा, “ये साल 2022 की भारत में छुट्टियों की लिस्ट है जो कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने जारी की है। हैरान हूँ ये देखकर कि पैगंबर मोहम्मद का जन्मदिन कम्पलसरी हॉलिडे है पर रामनवमी, जन्माष्टमी और महाशिवरात्रि वैकल्पिक अवकाश हैं। 

हिंदू बहुल भारत देश में हिंदुओं के त्योहार को क्या तवज्जोह दी जाती है इसका खुलासा साल 2022 में सरकार द्वारा जारी की गई छुट्टियों की लिस्ट से हुआ है। इस लिस्ट में रामनवमी, जन्माष्टमी और महाशिवरात्रि वैकल्पिक अवकाश की श्रेणी में रखे गए हैं और पैगंबर मोहम्मद का जन्मदिन अनिवार्य अवकाश में रखा गया है।
सरकारी छुट्टियों की इस लिस्ट पर ध्यान पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने दिलवाया है। उन्होंने हॉलिडे लिस्ट 2022 साझा करते हुए लिखा, “ये साल 2022 की भारत में छुट्टियों की लिस्ट है जो कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने जारी की है। हैरान हूँ ये देखकर कि पैगंबर मोहम्मद का जन्मदिन कम्पलसरी हॉलिडे है पर रामनवमी, जन्माष्टमी और महाशिवरात्रि वैकल्पिक अवकाश हैं। मोहर्रम कम्पलसरी हॉलिडे है पर होली वैकल्पिक अवकाश है। गज़ब!”

इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर विभिन्न प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं। कोई भारत में हिंदुओं की हालत पर दया खा रहा है। कोई हैरान है कि भारत देश में कैसे होली को वैकल्पिक कर दिया गया है।
जतिन भूटानी मौजूदा सरकार पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहते हैं, “सिर्फ सत्ता में बैठे लोग बदले हैं, विचारधारा अब भी सूडो सेकुलरिज्म की है।”

भूपेंद्र लिखते हैं, “एक अल्पसंख्यक समुदाय की 4 कंपल्सरी छुट्टी और बहुसंख्यक समुदाय की सिर्फ 1 छुट्टी? क्या कमाल का सेक्युलरिज्म है।”

आलोक अग्रवाल लिखते हैं, “ये कारण हैं कि हर हिंदू के मन में संदेह है कि भाजपा तुष्टिकरण की ओर मुड़ रही है, ये जानते हुए कि उनमें से कोई भाजपा के लिए वोट नहीं करेगा। अपने समर्थकों के साथ ये सब मत करो, वो भी हाथ से निकल जाएँगे।”

आशीष सती ने लिखा, “सेकुलरिज्म की ये पराकाष्ठा है, ये प्रोफेट का देश नहीं, देवताओं की भूमि हैं। जिनको ये सब पसंद था उनको देश तोड़कर 1/3 हिस्सा दे चुके, अब यहाँ ये करना जिहादी तत्वों को बढ़ावा देना होगा जो देश के लिए घातक है।”

कुछ यूजर्स ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, ” ये सब क्या है…? मैं ईद-ए-मिलाद को अनिवार्य छुट्टियों में से हटाने को नहीं कहता लेकिन कृपया होली, श्रीराम नवमी, जन्माष्टमी, महाशिवरात्रि को भी कंपल्सरी लिस्ट में रखा जाना चाहिए। ये निश्चित तौर पर बहुत गलत है।”


Input - Opindia.com

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