कॉल गर्ल बनाने के लिए मुनीर करता था लड़कियों से शादी, हर महीने 55 लड़कियों का टारगेट
नई दिल्ली: देश में आए दिन ह्यूमन ट्रैफिकिंग (Human Racket) और सेक्स रैकेट (Sex Racket) के भंडाफोड़ की खबरें सामने आती हैं। ताजा मामले में मध्य प्रदेश (MP) से पकड़े गए एक युवक के खुलासे के बाद मामले की जांच में जुटी पुलिस की टीम के होश उड़ गए। आरोपी का नाम मुनीर है जिसे इंदौर पुलिस (Indore Police) ने सूरत (Surat) से गिरफ्तार किया।
हर महीने 55 लड़कियों का टारगेट
पूछताछ के दौरान मुनीर ने सबसे पहले ये बात कबूली कि उसके निशाने पर बांग्लादेशी लड़कियां (Bangladeshi Girls) और महिलाएं होती थीं। वो 5 साल से देह व्यापार (Sex Traffecing) के धंधे में शामिल था। मुनीर ने कबूला कि वो हर महीने करीब 55 लड़कियों को अपना शिकार बनाता था। इसी सिलसिले में मुनीर 200 से ज्यादा बांग्लादेशी लड़कियों को भारत (India) लाकर जिस्मफिरोशी के धंधे में धकेल चुका था।
75 बार की शादी
दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर के मुताबिक आरोपी मुनीर पर 10 हजार रुपए का इनाम था। वह बांग्लादेश के जसोर का है। उसने ज्यादातर लड़कियों के साथ शादी की और फिर इंडिया में लाकर बेच दिया। उसके पीछे बड़ा नेटवर्क है। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने ये भी बताया कि वो किसी भी परेशानी से बचने के लिए 75 लड़कियों के साथ शादी भी कर चुका है। आरोपी लड़कियों को बांग्लादेश और भारत के पोरस बॉर्डर पर नाले के रास्ते लाता था और बॉर्डर के पास के छोटे गांव में एजेंट्स के जरिये लड़कियों को मुर्शिदाबाद और आसपास के ग्रामीण इलाकों में लाकर ही भारत में एंट्री करवाते थे।
दरअसल, इंदौर पुलिस ने 11 महीने पहले लसूड़िया और विजय नगर इलाकों में ऑपरेशन चलाकर 21 बांग्लादेशी लड़कियों को रेस्क्यू ककर छुड़ाया था जिसमें 11 बांग्लादेशी युवतियां और बाकी अन्य युवतियां थीं। मामले में सागर उर्फ सैंडो, आफरीन, आमरीन व अन्य लोग आरोपी बनाए गए थे, मुनीर भाग निकला था। उसे गुरुवार को सूरत से पकड़कर इंदौर लाया गया।
कोलकाता और मुंबई में ट्रेनिंग
बांग्लादेशी लड़कियों को यहां तक लाने के पीछे की कहानी जो सामने आई, उसके अनुसार बांग्लादेश के एजेंट गरीब परिवार की लड़कियों को काम दिलाने के बहाने चोरी-छिपे बॉर्डर पार करवाकर कोलकाता तक लाते थे। यहां इन्हें एक हफ्ते से ज्यादा रखा जाता था। बॉडी लैंग्वेज और बेहतर रहन-सहन की ट्रेनिंग दी जाती थी। ट्रेंड होने पर लड़कियों को मुंबई भेजा जाता था। यहां फिर ट्रेनिंग दी जाती थी। इसके बाद शहरों से आई डिमांड के अनुसार लड़कियों को उत्तर भारतीय शहरों (North Indian Cities) में भेजा जाता था।
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