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मंगलवार, 21 सितंबर 2021

बच्चे के हाथ में मोबाइल आते ही सारा डाटा हो जाता है डिलीट, जानें पूरा मामला

When the mobile comes in the hands of the astitva, all the data gets deleted

14 साल का लड़का चर्चा में, हाथ में मोबाइल आते ही उड़ जाता है इंटरनेट डेटा

अलीगढ़ के रहने वाले अस्तित्व जैसे ही मोबाइल को हाथ लगाता हैं। कुछ ही देर में मोबाइल का डाटा डिलीट हो जाता है या फोन रिसेट हो जाता है। लोग हैरान हैं कि ऐसा कैसे हो रहा है। 

अलीगढ़: क्या किसी बच्चे में ऐसी पावर (Power) हो सकती हैं जिससे वो बिना कोई बटन दबाए आपके मोबाइल का सारा डाटा डिलीट कर दे। दूसरे शब्दों में कहें तो उसी बच्चे के हाथ लगते ही आपका स्मार्ट फोन पूरी तरह रिसेट (Reset Mobile) हो जाये. यानी फोन में मौजूद मैसेज, गैलरी और बाकी सब कुछ एक साथ डिलीट हो जाए। ये पढ़कर आपको आपको कुछ अटपटा जरूर लगा होगा. यहां आपको बता दें कि ये किसी फिल्म की स्किप्ट या कल्पना नहीं बल्कि हकीकत है। जिसे जानकर अब आप भी हैरान रह जाएंगे।

अलीगढ़ के रहने वाले अस्तित्व के साथ कुछ ऐसा ही हो रहा है। अस्तित्व जैसे ही मोबाइल को हाथ लगाते हैं। कुछ ही देर में मोबाइल का डाटा डिलीट हो जाता है या फोन रिसेट हो जाता है। लोग हैरान हैं कि ऐसा कैसे हो रहा है।

अस्तित्व के हाथ में जो भी मोबाइल फोन आ जाता है. मोबाइल का समूचा डाटा का खत्म हो जाता है या फिर कहें कि मोबाइल फोन रिसेट हो जाता है। यह कोई चमत्कार है या फिर अस्तित्व के शरीर में उपस्थित किसी रेडिएशन के कारण ऐसा हो रहा है। कोई कुछ समझ नहीं पा रहा है, लेकिन यह चौकानें वाला सच है।

इसको लेकर अस्तित्व के माता-पिता उसके भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं क्योंकि इस समस्या के कारण अस्तित्व मोबाइल के संपर्क में नहीं आ पा रहा है। पीडियाट्रिक डॉक्टर ने कहा कि, इसकी ऑथेंटिसिटी के लिए जांच होनी जरूरी है।

दो मई से शुरू हुआ मामला

जट्टारी के रहने वाले कपड़ा व्यापारी गौरव अग्रवाल का 14 वर्षीय बेटा अस्तित्व अग्रवाल कक्षा-9 में पढ़ता है। आज अस्तित्व जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। कारण यह है कि, अस्तित्व के हाथ में जो भी मोबाइल आ जाता है। उसका डाटा साफ हो जाता है। यह बात किसी को समझ में नहीं आ रही है। ऐसा अस्तित्व के साथ दो मई से हो रहा है।

मोबाइल रिसेट हो जाना या डाटा उड़ जाने पर पहले तो परिवार वालों ने गौर नहीं किया, लेकिन घर में जब सबके मोबाइल रिसेट होने लगे तो परिजनों को लगा कि मोबाइल किसी ने हैक कर लिया है।

मोबाइल सर्विस सेंटर ने खड़े किए हाथ

इस पर मोबाइल सर्विस सेंटर पर दिखाया, लेकिन कोई समस्या सामने नहीं आई. घर आते ही मोबाइल में फिर से समस्या होने लगी। नया मोबाइल भी घरवालों ने खरीदा, फिर भी समस्या जस की तस बनी रही। परिवार वालों ने गौर किया कि बेटे अस्तित्व के हाथ में मोबाइल आते ही दिक्कत होने लगती है।

अस्तित्व के पिता गौरव अग्रवाल का कहना है कि 12 मई को उनके घर में अचानक ही मोबाइलों का डाटा उड़ने लगा। अपने मोबाइल को लेकर कंपनी के सर्विस सेंटर पर गए और मोबाइल के डाटा उड़ने का सर्विस सेंटर वालों ने कोई कारण नहीं बताया. परिजन इसको लेकर लगातार परेशान होते रहें। अस्तित्व के संपर्क में आते ही मोबाइल रिसेट हो जाता है। मोबाइल का डेटा, कांटेक्ट, एप्लिकेशन ओटोमेटिक खत्म हो जाता है।

घर में कैद हो गया है अस्तित्व

22 अगस्त को गौरव की पत्नी अस्तित्व के साथ रक्षाबंधन में अपने मायके गईं थी। वहां भी ऐसा ही हुआ, अस्तित्व के ननिहाल वालों के मोबाइल का डाटा उड़ गया. उनके द्वारा बताया गया कि उनके बेटे अस्तित्व के कारण मोबाइल का डाटा उड़ रहा है।

वह आश्चर्यचकित रह गए और चिंतित हो उठें। गौरव अग्रवाल का कहना है कि अब उनके घर में मोबाइल रखना भी दूभर हो गया है। अस्तित्व के संपर्क में आने पर मोबाइल का डाटा क्यों गायब हो रहा है. यह पहेली बनी हुई है। इस स्थिति में अस्तित्व को घर में बैठने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

बॉडी चेकअप में सभी जांच नॉर्मल

अस्तित्व का कहना है कि, उनके शरीर में कोई मानसिक या शारीरिक बदलाव नहीं हो रहा है। आठ दिन पूर्व अस्तित्व के सिर में तेज दर्द और उल्टी होने के कारण बॉडी का चेकअप कराया गया। सभी जांच नॉर्मल आईं। परिजन इस समस्या को लेकर कई डाक्टरों के चक्कर लगा चुके हैं। मां तनु ने बताया कि, लगा कि जैसे कोई मोबाइल हैक कर रहा है। गूगल आईडी, पासवर्ड, एकांउट चेंज किया। कोई फर्क नहीं पड़ा। नया मोबाइल लेने पर भी परेशानी आने लगी।

डॉक्टर बोले अभी तक ऐसा कोई केस नहीं आया

जेपी हॉस्पिटल के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संदीप को अस्तित्व के साथ हो रही आश्चर्यचकित करने वाली घटना के बारे में अवगत कराया गया। उन्होंने ऐसी किसी भी बीमारी की होने की पुष्टि नहीं की। हालांकि डॉक्टर ने कहा फिर भी परिजनों को लगता है कि, अस्तित्व एक अजीब सी बीमारी से ग्रस्त है।

इसके लिए फॉरेंसिक लैब में जाकर इसकी जांच करानी चाहिए. अब पिता डॉक्टरों की जानकारी के बाद फॉरेंसिक लैब में जांच कराने की जानकारी में जुटा रहे हैं। फोरेंसिक जांच होने के बाद ही हकीकत सामने आएगी, लेकिन ये मामला अभी भी पहेली बना हुआ है।

पीडियाट्रिक डॉक्टर विभव वार्ष्णेय ने बताया कि अस्तित्व का मामला अविश्वसनीय लग रहा है। इसको वैज्ञानिक दृष्टि से इंकार करता हूं, लेकिन एक प्रतिशत संभावना हो सकती है. कभी-कभी शरीर के मैग्नेटिक पॉवर से ऐसा हो सकता है। रेडिएशन के माध्यम से भी सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी का रेयर मामला हो सकता है।

इस पर वैज्ञानिक काम नहीं 

इस पर वैज्ञानिक काम नहीं हुआ है। वैज्ञानिक जांच के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसकी ऑथेंटिसिटी के लिए जांच होनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि कई बार लोग लोकप्रिय होने के लिए भी यह चीजें करते हैं, लेकिन इसकी विश्वसनीयता की जांच होनी चाहिए।




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