WHO ने कहा कि कोविशील्ड के नकली वर्जन की पहचान की है
नई दिल्ली: कोरोना महामारी के प्रकोप से बचने के लिए वैक्सीन सबसे कारगर उपाय है। वैक्सीन लगवाने के लिए भी काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। लेकिन इसी बीच कोविशिल्ड की नकली वैक्सीन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी जारी की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि कोविशील्ड के नकली वर्जन की पहचान की है। बीबीसी की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। डब्ल्यूएचओ के एक बयान में कहा गया है कि जुलाई और अगस्त के बीच भारत और अफ्रीका में अधिकारियों ने खुराक को जब्त कर लिया है।
इसने यह भी कहा कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने पुष्टि की है कि खुराक नकली थी। डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी कि नकली टीके वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करते हैं। इसने उन्हें चलन से हटाने का आह्वान किया। कोविशील्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का भारतीय निर्मित वर्जन है और अब तक 48.6 करोड़ से अधिक खुराक के साथ भारत में सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला टीका है।
सीरम ने एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के देशों को लाखों कोविशील्ड वैक्सीन की आपूर्ति की थी - विभिन्न सरकारों और गरीब देशों के लिए वैश्विक कोवैक्स योजना के साथ किए गए सौदों के हिस्से के रूप में यह आपूर्ति की गई थी। भारत, जो कोरोना से दुनिया का दूसरा सबसे बुरी तरह प्रभावित देश है, का लक्ष्य इस साल के अंत तक अपने सभी लोगों का टीकाकरण करना है। जनवरी में अभियान की शुरुआत के बाद से लगभग 13 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है।
इनपुट-आईएएनएस
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