द्वारका के द्वारकाधीश मंदिर के झंडे पर बिजली गिरी, मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ
गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर पर मंगलवार (13 जुलाई 2021) को बिजली आकाशीय बिजली गिरी। घटना दोपहर करीब 2.30 बजे के आसपास हुई। इससे केवल मंदिर के शिखर पर लगी 52 गज की ध्वजा को नुकसान हुआ। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक,बिजली गिरने से मंदिर की दीवारें काली पड़ गई हैं। लेकिन अन्य कोई नुकसान नहीं हुआ। द्वारकाधीश धाम के चारों ओर घनी बस्ती है। ऐसे में अगर आकाशीय बिजली रिहायशी इलाके में गिरती तो बड़ा हादसा हो सकता था। बहरहाल लोगों का कहना है कि भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें बचा लिया। स्थानीय लोगों के मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ है जब मंदिर पर वज्रपात हुआ हो।
द्वारका के एसडीएम निहार भेटारिया ने बताया कि बिजली गिरने के बाद मंदिर के प्रशासन ने जाँच की। किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
लोगों ने सोशल मीडिया पर इसको लेकर रिएक्शन भी दिए। रमेश गोस्वामी नाम के यूजर ने ट्वीट कर कहा भगवान ने आपदा को अपने सिर पर ले लिया। बिजली ध्वज दंड का आलिंगन करते हुए मंदिर में समा गई।
દ્વારિકાધીશની જય , વીજળી ભગવાન દ્વારકાધીશની બેન થાય અને આજે બેન ભાઈ નું અનોખું મિલન પણ કહી શકો તમે,
— ☞रमेश गोस्वामी⛳ (@RDGoswami5) July 13, 2021
भगवान ने बड़ी विपदा अपने ध्वज पर लेली, #द्वारका में #बिजली भगवान के ध्वज दण्ड को आलिंगन करते हुए मन्दिर में विर्सजित हो गई 13/7/21
જયદ્વારકાધિસ 🌸🌻🌺🌼🚩 pic.twitter.com/ad1c0bQnCf
हिरेन पांडे नाम के एक यूजर ने कहा कि यह भगवान श्रीकृष्ण की कृपा थी कि बिजली गिरने से मंदिर को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ।
द्वारका के श्री द्वारकाधीश मंदिर के झंडे पर बिजली गिरी
— हिरेन पांडे (@hitarthzxb123) July 13, 2021
श्री द्वारकाधीश मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ
यह भगवान श्रीकृष्ण की कृपा है pic.twitter.com/yMRTJCO2bm
गुजरात में गोमती नदी के तट पर स्थित यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। इसे जगत मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इसका निर्माण 2200 साल पहले वज्रनाभ ने करवाया था। मंदिर को पुरी, रामेश्वरम और बद्रीनाथ के बाद हिंदू धर्म के चार पवित्र धामों में से एक माना जाता है।
द्वारकाधीश मंदिर में लगे ध्वज का विशेष महत्व है। इस पवित्र ध्वज को 52 गज की ध्वजा कहा जाता है। यहाँ प्रतिदिन तीन बार ध्वजा चढ़ाई जाती है। कभी-कभी तो ध्वजा चढ़ाने के लिए
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