VIDEO: झारखंड में टेंपो की टक्कर से जज की मौत, सीसीटीवी फुटेज से हुआ बड़ा खुलासा
झारखंड में एक जज बुधवार को धनबाद में सुबह सैर पर निकले थे तो उन्हें एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। खून से लथपथ जज आनंद को तुरंत अस्पताल ले जाया गया किन्तु अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
शुरू में जज की मौत को हिट-एंड-रन माना गया था, सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद वह हत्या की तरफ इशारा कर रहा है। इस घटना को आज सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने उठाया, जिसने इसे न्यायपालिका पर खुलेआम हमला कहा, जिसकी सीबीआई जांच की जरूरत है।
पुलिस के अनुसार, जिला और अतिरिक्त न्यायाधीश उत्तम आनंद बुधवार को धनबाद में सुबह सैर पर निकले थे, जब वह अपने घर से सिर्फ आधा किमी की दूरी पर थे तो उन्हें एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी।
सीसीटीवी फुटेज में दिखाया गया है कि जज सुबह करीब 5 बजे सुनसान सड़क पर टहल रहे हैं, तभी पीछे से एक टेंपो आता है और जज को टक्कर मारकर चला जाता है।
धनबाद के ज़िला सत्र जज उत्तम आनंद का बुधवार सुबह मोर्निंग वॉक में एक ऑटो के ठक्कर में मौत का मामला गहराता जा रहा हैं @ndtvindia @Anurag_Dwary pic.twitter.com/oV3m3Ca6x0
— manish (@manishndtv) July 28, 2021
जज आनंद को अस्पताल ले जाने वाले एक व्यक्ति ने उनको खून से लथपथ सड़क पर पड़ा पाया। पुलिस के मुताबिक अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
सुबह सात बजे नहीं लौटने पर परिजनों ने उसके लापता होने की सूचना दी। अंतत: पुलिस ने उनको अस्पताल में ट्रैक किया और उन्हें एक सड़क दुर्घटना में मरने वाले व्यक्ति के रूप में स्थापित किया।
पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज से साफ हो गया है कि टेंपो ने उसे जानबूझकर मारा। जांच से पता चला है कि जज को टक्कर मारने के कुछ घंटे पहले ही वाहन चोरी किया गया था। यह क्लिप सोशल मीडिया पर घूम रही है और इससे बड़ी जांच की मांग उठ रही है।
पुलिस जज आनंद के मामलों पर ध्यान दे रही है। वह धनबाद शहर में माफिया हत्याओं के कई मामलों को देख रहा था और उसने हाल ही में दो गैंगस्टरों के जमानत को खारिज कर दिया था।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष घटना को उठाते हुए वकील विकास सिंह ने कहा, "यह न्यायपालिका पर एक खुला हमला है। यह एक ऐसा मामला है जिसे सीबीआई के पास जाना चाहिए। स्थानीय पुलिस आमतौर पर ऐसे मामलों में शामिल होती है। यह चौंकाने वाला है। एक न्यायाधीश सुबह की सैर पर है और एक वाहन से टकरा जाता है। वह गैंगस्टरों की जमानत अर्जी पर काम कर रहा था। यह न्यायिक स्वतंत्रता पर हमला है।"
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने सुझाव दिया कि सिंह भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के समक्ष मामले को ले जाया जाए।
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