केंद्र सरकार ने गुरुवार को सोशल मीडिया और ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी हैं।
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Image: E-Newz Hindi |
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गुरुवार को सोशल मीडिया (Social Media) और ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार की दोपहर 2 बजे हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोशल मीडिया और ओटीटी को लेकर रेगुलेशंस की घोषणा की। सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइंस के दायरे में Facebook, Twitter जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और Netflix, Amazon Prime, Voot और Hotstar जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स आएंगे। बता दें कि सरकार ने इस बारे में पहले भी कहा था कि इसके संबंध में दिशानिर्देश तैयार किए जा चुके हैं और जल्द ही उन्हें लागू किया जाएगा।
गाइडलाइंस को जारी कर सरकार ने साफ किया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Social Media Platform) को कड़े नियमों का पालन करना होगा। सोशल मीडिया यूजर्स और पीड़ितों की शिकायतों की सुनवाई करनी होगी। महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। चीफ कंप्लायंस आफिसर की नियुक्ति करनी होगी। देश में 53 करोड़ वाट्सअप यूजर्स है, 44.8 करोड़ यूट्यूब, 41 करोड़ फेसबुक, 21 करोड़ इंस्टा और 1.75 करोड़ ट्विटर यूजर्स हैं।
जानें, क्या है सरकार की सोशल मीडिया पॉलिसी?
- सरकार द्वारा जारी की गई सोशल मीडिया पॉलिसी में दो तरह की कैटिगरी हैं: सोशल मीडिया इंटरमीडियरी और सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडियरी।
- सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक, सारे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स को ग्रीवांस रीड्रेसल मैकेनिज्म बनाना पड़ेगा। 24 घंटे में शिकायत दर्ज होगी और इसे 14 दिन में निपटाना होगा।
- यदि यूजर्स विशेषकर महिलाओं के सम्मान से खिलवाड़ की शिकायत हुई तो 24 घंटें के अदंर कंटेंट को हटाना होगा।
- सोशल मीडिया कंपनियों को एक नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन रखना होगा जो कानूनी एजेंसियों के चौबीसों घंटे संपर्क में रहेगा।
- सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया को चीफ कम्प्लायंस ऑफिसर रखना होगा और उसका भारतीय होना अनिवार्य होगा।
- ऐसी कंपनियों को मंथली कम्प्लायंस रिपोर्ट जारी करनी होगी।
- सोशल मीडिया पर कोई खुराफात सबसे पहले किसने की, इसके बारे में सोशल मीडिया कंपनी को जानकारी देनी होगी।
- प्रत्येक सोशल मीडिय कंपनी का एक पता भारत में होना जरूरी है।
- प्रत्येक सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म के पास यूजर्स वेरिफिकेशन की व्यवस्था होनी चाहिए।
- सोशल मीडिया के लिए नियम आज से ही लागू हो जाएंगे। सिग्निफिकेंड सोशल मीडिया इंटरमीडियरी को 3 महीने का समय मिलेगा।
OTT Platforms के लिए क्या हैं सरकार की Guidelines?
- OTT और डिजिटल न्यूज मीडिया को अपने बारे में विस्तार से जानकारी देनी होगी जैसे कि कहां से और कैसे चीजों को पब्लिश करते हैं। रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं है।
- OTT और डिजिटल न्यूज मीडिया को ग्रीवांस रीड्रेसल सिस्टम लागू करना होगा। यदि कोई गलती पाई जाती है तो उसे खुद से रेगुलेट करना होगा।
- OTT प्लेटफॉर्म्स को सेल्फ रेगुलेशन बॉडी बनानी होगी जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे।
- सेंसर बोर्ड की तरह OTT पर भी उम्र के हिसाब से सर्टिफिकेशन की व्यवस्था करनी होगी। एथिक्स कोड भी टीवी और सिनेमा जैसा ही रहेगा।
- डिजिटल मीडिया पोर्टल्स को अफवाह और झूठ फैलाने का कोई अधिकार नहीं है।
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