ग्रेटा और दिशा रवि के बीच व्हाट्सएप पर लंबी बातचीत हुई है, दिशा को यूएपीए का डर सता रहा है।
नई दिल्ली: 26 जनवरी हिंसा के परतो को जैसे जैसे दिल्ली पुलिस कुरेद रही हैं लाल किला हिंसा के पीछे जिन लोगो का हाथ हैं वे बेनकाब हो रहे हैं। टूलकिट केस (Toolkit Case) में पुलिस की छानबीन में बड़े खुलासे हो रहे हैं दिशा रवि (Disha Ravi) जिसे देश का विपक्ष 21 साल की बच्ची कह रहा हैं, उसके और ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) की नई चैट सामने आई है। जिसमें वो टूलकिट को लेकर बात कर रही है । जो नई चैट सामने आई है वो 3 फरवरी की है जिसमे ग्रेटा थनबर्ग, दिशा रवि से अपना डर जता रही हैं. इस चैट मे दिशा ग्रेटा को टूलकिट को ट्वीट न करने की बात भी कह रही है। इतना ही नहीं दिशा ने ही व्हाट्सअप ग्रुप बनाया था, वहीं इस बीच खुलासा हुआ है।
ग्रेटा थनबर्ग ने जो टूलकिट लीक किया वो कितनी बड़ी साजिश का हिस्सा था वो ग्रेटा और दिशा रवि के बीच हुई चैट से पता चलता है। जो चैट सामने आयी है वो 9:25 PM से लेकर 9: 41 PM के बीच का हैं।
ग्रेटा थनबर्ग 9:25 PM पर कहती हैं "इसे दुरुस्त करना बेहद जरूरी है, मुझे इसकी वजह से काफी दिक्कत होगी, अब ये मामला काफी बिगड़ रहा है।"
दिशा रवि 9:25 PM पर कहती हैं " तुम्हें भेज रही हूं।"
फिर दोबारा 9:35 PM पर दिशा ने कहा "ओके. क्या ऐसा हो सकता है कि तुम टूलकिट को ट्वीट ना करो? हमें कुछ देर तक इस पर चुप रहना होगा. मैं वकीलों से बात करने जा रही हूं. इसमें हमारे नाम लिखे हुए हैं. इसकी वजह से हमें UAPA का सामना करना पड़ सकता है।"
दिशा रवि: क्या आप ठीक हो? (समय 9:39 PM)
ग्रेटा थनबर्ग: मुझे कुछ तो लिखना होगा. (समय 9:40 PM)
दिशा रवि: क्या तुम मुझे 5 मिनट दे सकती हो? मैं वकीलों से बात कर रही हूं. (समय 9:40 PM)
ग्रेटा थनबर्ग: इस तरह के नफरती आंदोलन कई बार होते हैं. और ये बड़े हो जाते हैं. (समय 9:41 PM)
दिशा रवि: क्या तुम मुझे 5 मिनट दे सकती हो? मैं वकीलों से बात कर रही हूं. (समय 9:41 PM)
दिशा रवि: मुझे अफसोस है. हम इसलिए घबरा रहे हैं क्योंकि यहां हालात बिगड़ रहे हैं (समय 9:41 PM)
दिशा रवि: हमारी कोशिश रहेगी कि तुम तक आंच ना पहुंचे. (समय 9:41 PM)
दिशा रवि: अभी हमें सोशल मीडिया से दूर रहना चाहिए. (समय 9:41 PM)
टूल केस में और भी बड़े खुलासे
दिशा रवि ने WhatsApp पर International Farmer Strike नाम से 10 लोगों का ग्रुप बनाया था। शांतनु किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली में मौजूद था और वो 20 से 27 जनवरी तक टीकरी बॉर्डर पर मौजूद था. भारत में दंगे कराने की ISI ने अंतरराष्ट्रीय साजिश की थी। किसान आंदोलन में फंडिंग हो रही थी जिसकी जांच दिल्ली पुलिस करेगी। खालिस्तानी आतंकियों की पाकिस्तानी दूतावासों के साथ बैठक हुई थी और साजिश में भारत के कुछ ऑनलाइन न्यूज पोर्टल भी शामिल है।
जो लोग "दिशा रवि" की गिरफ्तारी पर सवाल उठा रहे थे इस खुलासे के बाद चुप है।
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