सामना के मुताबिक, 'आजादी की लड़ाई में बंगाल, पंजाब और महाराष्ट्र का नेतृत्व आगे था. आज भी तीनों सूबे स्वाभिमान के लिए लड़ रहे हैं. पंजाब के किसानों को दिल्ली सीमा पर कुचला जा रहा है. बंगाल में घमासान जारी है और महाराष्ट्र में नियोजित हमले हो रहे हैं.'
नई दिल्ली: शिवसेना (Shiv Sena) ने अपने मुखपत्र सामना (Saamna) के माध्यम से बीजेपी (BJP) पर निशाना साधा है. सामना के संपादकीय में तंज कसते हुए लिखा गया, 'यूपी और बिहार की तरह अब बीजेपी ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) में भी धार्मिक अलगाववाद की शुरुआत की है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) और टीएमसी पर बीजेपी और आक्रामक हो रही है.' वहीं सामना के इस लेख में ममता बनर्जी के लिए नसीहत भी दिखती है.
ममता बनर्जी को दीया सियासी नसीहत
सामना में आगे लिखा गया है, 'पश्चिम बंगाल की राजनीति लगातार रोमांचक हो रही है. पॉलिटिक्स आखिर में रक्त-रंजित मोड़ पर पहुंचती है, यह इतिहास रहा है. बीजेपी ने हिंदुत्व के मुद्दे पर वहां चिंगारी भड़का दी है. ऐसा नहीं होता तो कोलकाता (Kolkata) में नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में विवाद नहीं होता. बीजेपी ममता की कमजोर कड़ी पहचान चुकी है, वोटिंग तक वो नाजुक मामलों पर हमलावर रहेंगे. हमारा विचार है कि 'जय श्रीराम' के नारे से ममता को नहीं चिढ़ना चाहिए.
सामना में लिखे संपादकीय के मुताबिक चुनावों में हर कोई अपने वोट बैंक का ध्यान रखता है. पश्चिम बंगाल में बीजेपी की विजय पताका लहराने की जिद से बीजेपी का राष्ट्रीय नेतृत्व बंगाल के सियासी मैदान में डटा हुआ है. गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) और राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जे पी नड्डा (JP Nadda) समेत कई नेता लगातार एक्टिव हैं. टैगोर की तरह दाढ़ी बढ़ा चुके पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी कोलकाता गए थे. वहां जो धार्मिक अलगाववाद शुरू हुआ, उसके लिए कुछ हद तक ममता ही जिम्मेदार हैं. ममता अगर कोलकाता में जय श्रीराम कह कर संबोधन शुरू करतीं तो उनका दांव उलटा पड़ जाता.'
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